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Hindi News धर्म 30 August 2024 Ka Panchang: जानिए शुक्रवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

30 August 2024 Ka Panchang: जानिए शुक्रवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

30 August 2024 Ka Panchang: आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए 30 अगस्त 2024 का शुभ मुहूर्त क्या है। साथ ही जानें शुक्रवार का राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय।

शुक्रवार का पंचांग- India TV Hindi Image Source : INDIA TV शुक्रवार का पंचांग

30 August 2024 Ka Panchang: 30 अगस्त को भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि और शुक्रवार का दिन है। द्वादशी तिथि शुक्रवार देर रात 2 बजकर 27 मिनट तक रहेगी। 30 अगस्त को शाम 5 बजकर 48 मिनट तक व्यतिपात योग रहेगा। साथ ही शु्क्रवार शाम 5 बजकर 58 मिनट तक पुनर्वसु नक्षत्र रहेगा। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए शुक्रवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय।

30 अगस्त 2024 का शुभ मुहूर्त

  • भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि- 30 अगस्त 2024 को देर रात 2 बजकर 27 मिनट तक
  • व्यतिपात योग- 30 अगस्त 2024 को शाम 5 बजकर 48 मिनट तक
  • पुनर्वसु नक्षत्र- 30 अगस्त को दोपहर शाम 5 बजकर 58 मिनट तक

राहुकाल का समय

  • दिल्ली- सुबह 10:45 से दोपहर 12:21 तक
  • मुंबई- दोपहर पहले 11:05 से दोपहर 12:39 तक
  • चंडीगढ़- सुबह 10:46 से दोपहर 12:22 तक
  • लखनऊ- सुबह 10:31 से दोपहर 12:06 तक
  • भोपाल- सुबह 10:45 से दोपहर 12:20 तक
  • कोलकाता- सुबह 10:02 से दोपहर पहले 11:37 तक
  • अहमदाबाद- दोपहर पहले 11:05 से दोपहर 12:39 तक
  • चेन्नई- सुबह 10:37 से दोपहर 12:09 तक

सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

  • सूर्योदय- सुबह 5:58 am
  • सूर्यास्त- शाम 6:44 pm

पुनर्वसु नक्षत्र के बारे में

आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से पुनर्वसु को सातवां नक्षत्र माना जाता है। साथ ही इस नक्षत्र को सौभाग्य का सूचक माना जाता है। दरअसल इस नक्षत्र का अर्थ ही है- पुन: सौभाग्यशाली होना। इस नक्षत्र में जन्मे लोग सकारात्मक विचारों वाले, समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने वाले,दूसरों की मदद के लिए आगे रहने वाले और नए दोस्त बनाने वाले होते हैं। ये अच्छे-बुरे में भेद करने की कला में
भी निपुण होते हैं।

साथ ही आपको बता दें कि इस नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं और इसकी राशि मिथुन है। इसके अलावा बाणों से भरे हुए एक तरकश को इसका प्रतीक चिन्ह माना जाता है और पेड़-पौधों में इसका संबंध बांस से बताया गया है। जिन लोगों का जन्म पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ हो या उन लोगों को जीवन में लाभ सुनिश्चित करने के लिए आज के दिन बांस के पौधे या उससे बनी किसी अन्य चीज़ को नमस्कार जरूर करना चाहिए।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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