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Hindi News धर्म त्योहार Swastik Symbol: क्यों शुभ माना जाता है स्वस्तिक चिन्ह, जानिए इसका कारण और लाभ

Swastik Symbol: क्यों शुभ माना जाता है स्वस्तिक चिन्ह, जानिए इसका कारण और लाभ

Importance of Swastik Symbol: हिंदू धर्म में स्वास्तिक के चिह्न को महत्वपूर्ण माना जाता है। यही कारण है कि किसी भी शुभ-मांगलिक कार्य के आरंभ से पहले स्वातिक का चिह्न बनाकर पूजा की जाती है। मान्यता है कि इससे कार्य बिना विघ्न के संपन्न होता है।

Swastik Symbol- India TV Hindi Image Source : SWASTIK SYMBOL Swastik Symbol

Highlights

  • हिंदू धर्म में स्वास्तिक के चिह्न को महत्वपूर्ण माना जाता है।
  • स्वास्तिक का चिह्न बनाने से घर पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है।

Importance of Swastik Symbol: हिंदू धर्म में स्वास्तिक या सातिया के चिह्न का विशेष महत्व होता है। घर, पूजा स्थल और मंदिरों में भी स्वास्तिक का शुभ चिह्न जरूर होता है। इतना ही नहीं  किसी भी शुभ-मांगलिक कार्य की शुरुआत करने, विशेष अनुष्ठान और गृह प्रवेश से लेकर वाहन सभी की पूजा में स्वास्तिक का चिह्न जरूर बनाया जाता है। इसे लेकर मान्यता है कि स्वास्तिक का चिह्न मंगल का प्रतीक होता है। साथ ही इस चिह्न का संबंध सुख-समृद्धि से भी होता है। यदि इस चिह्न को बनाकर कार्य की शुरुआत की जाती है तो इससे कार्य बिना किसी बाधा के संपन्न होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर शुभ-मांगलिक कार्य की शुरुआत से पहले स्वास्तिक चिह्न बनाना क्यों जरूरी होता है और इसे इतना शुभ क्यों माना जाता है। हम आपको बताएंगे स्वास्तिक के चिह्न से जुड़ी सभी जरूरी तथ्य।

स्वास्तिक चिह्न का अर्थ

‘स्वास्तिक’ तीन शब्दों का मेल है जिसका अर्थ ‘सु’ यानी शुभ, ‘अस’- यानी अस्तित्व, और ‘क’ यानी कर्ता। इस तरह से स्वास्तिक का संपूर्ण अर्थ होता है मंगल या कल्याण करने वाला। स्वास्तिक को भगवान श्रीगणेश का प्रतीक भी माना गया है। जिस तरह भगवान गणेश प्रथम पूजनीय और विघ्नहर्ता कहलाते हैं। ठीक उसी तरह से हिन्दू धर्म में शुभ-मांगलिक कार्यों से पहले स्वास्तिक का चिन्ह बनाना भी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि स्वास्तिक में बनाई जाने वाली चार रेखाएं चारों दिशाओं (पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण) को दर्शाती हैं। एक मान्यता यह भी है कि स्वास्तिक की चारों रेखाएं चारों वेदों का प्रतीक है।

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ज्योतिष के अनुसार स्वास्तिक का महत्व

ज्योतिषीय के अनुसार यदि नौकरी-व्यापार में घाटा हो रहा हो तो दुकान या ऑफिस के ईशान कोण में लगातार सात गुरुवार सूखी हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बना दें। इससे नौकरी-व्यापार में लाभ होने लगेगा। इसके अलावा कार्य में सफलता के लिए घर के उत्तर दिशा में भी सूखी हल्दी से स्वास्तिक का चिह्न बनाना लाभकारी होता है। घर को यदि किसी की बुरी नजर लग गई है और परिवार में कलह-क्लेश की स्थिति रहती है तो आप लाल रंग का स्वास्तिक बना दें। इससे घर को बुरी नजर नहीं लगती और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।

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वास्तुशास्त्र के अनुसार

जिस घर पर वास्तु दोष होता है वहां घर के बाहर मुख्यद्वार पर स्वास्तिक का चिह्न जरूर बनाना चाहिए। इससे घर का वास्तु दोष ठीक होता है। सही तरीके से स्वास्तिक का चिह्न बनाने से घर पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें स्वास्तिक को गलत तरीके से नहीं बनाना चाहिए। इसके आपको भयंकर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)