Masik Shivratri 2024: भोलेनाथ की महिमा अपरंपार है महादेव जिस पर अपनी कृपा कर दें उसका कल्याण निश्चित ही होता है। हिंदू धर्म में भगवान शिव को अनादि बताया गया है। इनसे जुड़े प्रमुख दिन सोमवार, प्रदोष और शिवरात्रि के हैं। उसमें से एक मासिक शिवरात्रि होती है जो प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है।
मासिक शिवरात्रि पूरे महीने में एक बार आती है। इस दिन जो भक्त सच्चे मन से विधि पूर्वक भोलेनाथ की पूजा करते हैं। उनसे शिव भगवान शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और जीवन के सभी सुख-वैभव उनकी झोली में भर देते हैं। अभी पौष माह चल रहा है और इस माह की पहली मासिक शिवरात्रि कब है और क्या है इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त आइए जानते हैं हिंदू पंचांग के अनुसार।
पौष की मासिक शिवरत्रि का शुभ मुहूर्त
- पौष मास मासिक शिवरात्रि- 9 जनवरी 2024 मंगलवार
- कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि प्रारंभ समय- 9 जनवरी 2024 दिन मंगलवार रात्रि 10 बजकर 24 मिनट।
- कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि समाप्ति समय- 10 जनवरी 2024 दिन बुधवार रात्रि 8 बजकर 10 मिनट।
भगवान शिव की विशेष पूजा विधि
- सर्वप्रथम इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः उठ कर स्नान आदि से निवृत हो जाएं।
- स्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मासिक शिवरात्रि के व्रत का संकल्प लेते हुए भगवान शिव का ध्यान करें।
- मासिक शिवरात्रि के दिन शिवलिंग की पूजा विशेष फलदायक मानी जाती है। अतः इस दिन आप भोलेबाबा को प्रसन्न करने के लिए उनके शिवलिंग का पूजन अवश्य करें।
- शिवलिंग पर इस दिन आप दूध से अभिषेक करें उसके बाद दहीं, शहद, बेलपत्र, धतूरा और इत्र अर्पित करें। इन चीजों को अर्पित करने के बाद आप शिवलिंग का पुनः जल से अभिषेक करें। ऐसा करने से भोलेनाथ आपके जीवन के सभी कष्टों का निवारण करेंगे।
- मासिक शिवरात्रि के दिन शिव परिवार की पूजा करने से मां पार्वती भी अपना आशीर्वाद देती हैं। इसलिए आज भोलेनाथ के साथ मां पार्वती समेत नंदी और गणेश जी की पूजा भी अवश्य करें।
- अगर आपके पास 5 मुखी वाली 108 दाने वाली रुद्राक्ष की माला है, तो उससे 11 माला भगवान शिव के मंत्र का जाप करें। मंत्र इस प्रकार से - ऊँ नमः शिवाय। ऐसा करने से आपको जीवन में वैभव की प्राप्ति होगी।
- महादेव की पूजा में आप मासिक शिवरात्रि वाले दिन उनको भोग में बर्फी अर्पित करें और उसे आस-पास के लोगों में प्रसाद के तौर पर वितरित करें।
- शिव भगवान की आराधना में आप शिव चालीसा, शिव पुराण और शिवाष्टकम् स्त्रोत आदि का पाठ कर सकते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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