Vishwakarma Puja 2024: हर विश्वकर्मा पूजा 17 सिंतबर को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। विश्वकर्मा जयंती के दिन लोग अपना व्यापार बढ़ाने के लिए अपने दुकानों और कारखानों में स्थित मशीनों की पूजा करते हैं। भगवान विश्वकर्मा को सुख-समृद्धि का देवता भी माना जाता है। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही सतयुग में स्वर्ग, त्रेतायुग में लंका, द्वापर में द्वारिका और कलियुग में जगन्नाथ मंदिर की मूर्तियों का निर्माण किया था। विश्वकर्मा पूजा इन जरूरी सामानों के बिना अधूरी मानी जाती है तो यहां से संपूर्ण पूजा सामग्री लिस्ट नोट कर लें।
विश्वकर्मा पूजा सामग्री लिस्ट
- भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर या मूर्ति
- लकड़ी की चौकी, पीला कपड़ा, नवग्रह, मिट्टी का कलश, जनेऊ
- हल्दी, रोली, अक्षत, सुपारी, मौली, लौंग, पीला अश्वगंधा, कपूर, देसी घी, हवन कुंड, आम की लकड़ी, गंगाजल
- इलायची, सूखा गोला, जटा वाला नारियाल, फल-मिठाई, इत्र, दही, खीरा, शहद, पंचमेवा
विश्वकर्मा पूजा 2024 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, विश्वकर्मा पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 17 सितंबर को सुबह 7 बजकर 21 मिनट से सुबह 11 बजकर 42 मिनट तक का रहेगा। भक्तगण इसी मुहूर्त में भगवान विश्वकर्मा की पूजा कर के शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं।
विश्वकर्मा पूजा महत्व
भगवान विश्वकर्मा को धरती के प्रथम इंजीनियर और देवताओं का शिल्पकार माना जाता है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से कारोबार में तरक्की होती है। इस दिन मशीन, वाहन, यंत्र और कारखाना की पूजा आराधना की जाती है। भगवान विश्वकर्मा की कृपा से कारखाने में लगी मशीनें खराब नहीं होती है और कार्य मे उन्नति होती है। साथ ही घर का भंडार धन-धान्य से भरा रहता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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