Vishwakarma Puja Date 2024: विश्वकर्मा पूजा सितंबर में किस दिन है? अभी जान लें सही डेट
Vishwakarma Puja 2024: विश्वकर्मा पूजा इस साल सितंबर के महीने में है। आइए ऐसे में जान लेते हैं पूजा की सही तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
Vishwakarma Puja Date 2024: विश्वकर्मा पूजा हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। भगवान विश्वकर्मा को सृजन, निर्माण और वास्तुकला के देवता के रूप में हिंदू धर्म में पूजा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा विश्व के प्रथम वास्तुकार और निर्माता थे। वेदों में भी कई स्थानों पर विश्वकर्मा भगवान का जिक्र देखने को मिलता है। इसलिए उन लोगों के लिए है जो निर्माण, मशीनरी, और तकनीकी कार्यों से जुड़े हुए हैं, विश्वकर्मा पूजा बेहद अहम मानी जाती है। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि साल 2024 में विश्वकर्मा पूजा कब है, पूजन का शुभ मुहूर्त कब रहेगा।
विश्वकर्मा पूजा तिथि और पूजा मुहूर्त
ऐसा माना जाता है कि, विश्वकर्मा भगवान की पूजा कन्या संक्रांति के दिन हुई थी। यानि जिस दिन सूर्य ने कन्या राशि में प्रवेश किया था उसी दिन विश्वकर्मा जन्मे थे। साल 2024 में कन्या संक्रांति 16 सितंबर को है, इसलिए विश्वकर्मा जयंती या विश्वकर्मा पूजा भी इसी दिन की जाएगी। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से लेकर लगभग 11 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त (11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक) में भी विश्वकर्मा भगवान की पूजा करना शुभ माना जाएगा।
विश्वकर्मा पूजा विधि
शुद्धिकरण: पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल की भी सफाई करें और गंगाजल का वहां छिड़काव करें।
पूजा के लिए स्थान: पूजा के लिए एक स्वच्छ और पवित्र स्थान आपको चुनना चाहिए। इस स्थान पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या चित्र आप स्थापित कर सकते हैं। पूजा स्थल को आप फूलों, आम के पत्तों और रंगोली से सजा सकते हैं।
पूजा के लिए सामग्री: पूजा के लिए आपको एक नारियल, सुपारी, पान, फूल, अगरबत्ती, दीपक, कपूर, रोली, चंदन, धूप, मिठाई, और फल आदि पहले ही पूजा स्थल के पास रख देने चाहिए। अगर आप चाहें तो जो कार्य आप करते हैं उससे जुड़े उपकरणों को भी पूजा के स्थान पर रख सकते हैं।
ऐसे करें पूजा
- सबसे पहले आपको भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या चित्र पर पुष्प, चंदन, रोली, और अक्षत (अटूट चावल) अर्पित करने चाहिए।
- इसके बाद धूप और दीप जलाकर भगवान का ध्यान आपको करना चाहिए और उन्हें मिठाई और फल अर्पित करने चाहिए।
- तत्पश्चात विश्वकर्मा चालीसा, आरती और अन्य स्तोत्रों का पाठ आप कर सकते हैं।
- अंत में, घर के लोगों में प्रसाद वितरण करें और भगवान से अपने कार्य में सफलता और समृद्धि की प्रार्थना करें।
उपकरणों की पूजा
विश्वकर्मा पूजा के दिन अपने काम से जुड़े सभी उपकरणों और मशीनों की पूजा करने का भी विधान है। इन पर हल्दी, चंदन, और फूल चढ़ाकर दीपक जलाएं और भगवान विश्वकर्मा से उनकी सुरक्षा और समृद्धि की प्रार्थना करें। कई जगहों पर इस दिन छुट्टी रहती है और केवल मशीन और औजारों की पूजा की जाती है।
विश्वकर्मा पूजा का महत्व
विश्वकर्मा पूजा का महत्व उन लोगों के बीच बहुत अधिक है जो तकनीकी और निर्माण क्षेत्र में कार्यरत हैं, जैसे कि इंजीनियर, आर्किटेक्ट्स, मेकैनिक, और कारीगर। इस पर्व के जरिये लोग भगवान विश्वकर्मा से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और उनसे सफलता की प्रार्थना करते हैं। माना जाता है कि इस दिन, उपकरणों और मशीनों की पूजा करने से वो सुरक्षित रहती हैं और उनके जरिये कारीगरों को लाभ प्राप्त होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-