Vibhuvana Sankashti Chaturthi 2023: विभुवन संकष्टी चतुर्थी कब? इस विधि से करें गणेश जी की पूजा, मिलेगा लाभ, नोट करें डेट और शुभ मुहूर्त
Vibhuvana Sankashti Chaturthi 2023: हिंदू धर्म में संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत के उपलक्ष्य में भगवान श्री गणेश की उपासना बड़ी ही फलदाई मानी गई है। आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।
Vibhuvana Sankashti Chaturthi 2023: वैसे तो प्रत्येक महीने के कृष्ण और शुक्ल, दोनों पक्षों की चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा का विधान है। बस फर्क केवल इतना है कि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी, जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। लेकिन आपको बता दें कि अधिक मास में पड़ने वाली चतुर्थी को विभुवन संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत अधिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। हिंदू धर्म में संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत के उपलक्ष्य में भगवान श्री गणेश की उपासना बड़ी ही फलदाई मानी गई है। आइए जानते हैं विभुवन संकष्टी चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।
विभुवन संकष्टी चतुर्थी कब? (Vibhuvana Sankashti Chaturthi Date 2023)
इस साल विभुवन संकष्टी चतुर्थी का व्रत 4 अगस्त दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। खास बात यह है कि अधिक मास में पड़ने की वजह से यह व्रत हर तीन साल में एक बार आता है। इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है।
विभुवन संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vibhuvana Sankashti Chaturthi Shubh Muhurat)
- सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 4 अगस्त, शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से
- चतुर्थी तिथि समाप्त- 5 अगस्त, शनिवार को सुबह 9 बजकर 39 मिनट पर
- पूजा के लिए शुभ मुहूर्त - 4 अगस्त को सुबह 5 बजकर 39 मिनट से 7 बजकर 21 मिनट तक
- दूसरा शुभ मुहूर्त - 4 अगस्त को सुबह 10 बजकर 45 मिनट से दोपहर 3 बजकर 52 मिनट तक
चंद्रोदय का समय
इस व्रत का पारण चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है। ऐसे में 4 अगस्त को रात 8 बजकर 55 मिनट पर चंद्रोदय होगा।
विभुवन संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत की पूजा विधि (Vibhuvana Sankashti Chaturthi Puja Vidhi)
- इस दिन सुबह उठकर स्नान कर लें।
- उसके बाद गणपति का ध्यान करें।
- अब एक चौकी पर साफ पीले रंग का कपड़ा बिछाकर इसके ऊपर भगवान गणेश की मूर्ति रखें।
- फिर गंगा जल छिड़कर पूरे स्थान को पवित्र कर लें।
- इसके बाद गणेश जी को फूल की मदद से जल अर्पित करें।
- इसके बाद रोली, अक्षत और चांदी की वर्क लगाएं।
- लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूब, पान में सुपारी, लौंग, इलायची और कोई मिठाई रखकर चढ़ाएं।
- इसके बाद नारियल और भोग में मोदक चढ़ाएं।
- गणेश जी को दक्षिणा अर्पित कर उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगाएं।
- सभी सामग्री चढ़ाने के बाद धूप, दीप और अगरबत्ती से भगवान गणेश की आरती करें।
इस मंत्र का जाप करें -
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
या फिर
ॐ श्री गं गणपतये नम: का जाप करें।
अंत में चंद्रमा को दिए हुए मुहूर्त में अर्घ्य देकर अपने व्रत को पूर्ण करें।
विभुवन संकष्टी चतुर्थी का महत्व (Vibhuvana Sankashti Chaturthi Mantra)
संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का अर्थ होता है- संकटों को हरने वाली। भगवान गणेश बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य को देने वाले हैं। इनकी उपासना शीघ्र फलदायी मानी गई है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत करता है उसके जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है और उसके सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।
आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
ये भी पढ़ें-
Sankashti Chaturthi 2023 Upay: गणपति बप्पा का आशीर्वाद पाने के लिए संकष्टी चतुर्थी पर कर लें ये उपाय, सभी दुखों का भी होगा नाश!
Hariyali Teej 2023: कुंवारी लड़कियां इस विधि के साथ करें हरियाली तीज की पूजा, तभी मिलेगा भगवान शिव सा पति!
Shukrawar ke Upay: शुक्रवार के दिन जरूर करें ये 8 काम, मां लक्ष्मी की कृपा से पैसा और इज्जत दोनों मिलेंगे