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Hindi News धर्म त्योहार आज है सूर्य षष्ठी का व्रत, काशी के लोलार्क कुंड में डुबकी लगाने से पूरी होती है संतान की मन्नत, जानिए पूजा विधि

आज है सूर्य षष्ठी का व्रत, काशी के लोलार्क कुंड में डुबकी लगाने से पूरी होती है संतान की मन्नत, जानिए पूजा विधि

Lolark Shasthi 2023: सूर्य या लोलार्क षष्ठी का व्रत रखने से निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है। इस मौके पर काशी के लोलार्क कुंड में स्नान का भी खास महत्व बताया गया है। तो आइए जानते इस पर्व के बारे में।

Surya Shasthi Vrat 2023- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Surya Shasthi Vrat 2023

Surya Shasthi Vrat 2023: आज सूर्य षष्ठी का व्रत किया जाएगा। इसे लोलार्क षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। ये पर्व भगवान सूर्यदेव की आराधना से संबंध रखता है। आज से 16 दिनों तक काशी के लोलार्क कुंड में स्नान करने का महत्व बताया गया है। आज के दिन संतान की प्राप्ति के लिये या संतान की खुशी के लिये सूर्य भगवान के निमित्त व्रत किया जाता है, उनकी पूजा की जाती है और उनके मंत्रों का जाप किया जाता है। इस दिन जो व्यक्ति भक्ति भाव और विधिवत तरीके से सूर्य भगवान की आराधना करते हैं, उन्हें अच्छी संतान और संतान की खुशहाली के साथ ही आरोग्य और धन की प्राप्ति भी होती है। इसके अलावा परिवार में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आती और परिवार के लोगों की सुख-समृद्धि बनी रहती है। 

सूर्य षष्ठी या लोलार्क षष्ठी व्रत पूजा विधि

आज के दिन दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर किसी साफ नदी या तालाब में स्नान करना चाहिए।  अगर आप किसी कारणवश नदी या तालाब में स्नान न कर पाएं तो घर पर ही स्नान कर लीजिए। स्नान करने के पश्चात सूर्यदेव को प्रणाम करते हुए चावल, तिल, दूर्वा, चंदन आदि मिले हुए जल से भगवान को अर्घ्य दीजिए। फिर सूर्यदेव के निमित्त शुद्ध घी का दीपक जलाइये और कपूर, धूप, लाल पुष्प आदि से भगवान सूर्य का पूजन कीजिए।  इसके साथ ही सूर्यदेव के मंत्र का यथा शक्ति जप कीजिए। सूर्यदेव का मंत्र है- 'ऊँ घृणिः सूर्याय नमः'। पूजा और मंत्र जप आदि के बाद अपने सामर्थ्य अनुसार जरुरतमंदों और ब्राह्मणों को कुछ दान स्वरूप दीजिए। 

सूर्य षष्ठी व्रत का महत्व

सूर्य षष्ठी  या लोलार्क षष्ठी का व्रत और विधि भगवान भास्कर की पूजा करने से मनचाहे फलों की प्राप्ति होती है। सूर्य षष्ठी के मौके पर काशी के लोलार्क कुंड में डूबकी लगाने का विशेष महत्व है। मान्यताओं के मुताबिक, यहां डुबकी लगाने से नि:संतान दंपतियों को स्वस्थ और सूर्य के तेज समान संतान की प्राप्ति होती है। लोलार्क षष्ठी के दिन इस कुंड में डुबकी लगाने से लोलार्केश्वर महादेव भक्तों की हर मनोकामना को पूरी करते हैं।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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