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Skanda Sashti 2023: आज इस विधि के साथ करें स्कंद षष्ठी की पूजा, निसंतान दंपतियों को मिलता है स्वस्थ संतान का सुख

Skanda Sashti 2023: आज स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जा रहा है। कहते हैं कि इस व्रत को करने घर में जल्द किलकारी गूंजने लगती है। वहीं संतान को स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलता है। तो यहां जानिए स्कंद षष्ठी व्रत की पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में।

Skanda Sashti 2023- India TV Hindi Image Source : FILE IMAGE Skanda Sashti 2023

Skanda Sashti 2023:  आज स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जा रहा है। कुछ लोग यह व्रत कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को भी रखते हैं।  स्कंद षष्ठी व्रत को कुमार षष्ठी और संतान षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन शिव-गौरी पुत्र कार्तिकेय की पूजा का विधान है। कहते हैं कि इस व्रत को विधि विधान के साथ करने से निसंतान दंपतियों को सुयोग्य संतान की प्राप्ति होती है। स्कंद षष्ठी के दिन मंदिर जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस व्रत को करने से संतान के जीवन पर कभी कोई संकट नहीं आता है। वहीं अगर संतान को किसी भी प्रकार का कष्ट या कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है तो यह व्रत संतान को इन सबसे बचाने में सहायता करता है। बता दें कि मयूर पर आसीन देव सेनापति कुमार कार्तिकेय की आराधना दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा होती है।

स्कंद षष्ठी व्रत पूजा विधि

  • प्रात:काल स्नान कर साफ वस्त्र-सुथरे वस्त्र धारण कर लें
  • अब पूजा स्थल पर गंगा जल छिड़क लें
  • चौकी पर लाल कपड़ा बिछा दें
  • फिर चौकी पर स्कंद देव कार्तिकेय की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें
  • अब मूर्ति के सामने अखंड दीप जलाएं
  • भगवान कार्तिकेय को सिंदूर, अक्षत, फूल, फल और मेवा चढ़ाएं
  • शिवजी और मां गौरी की पूजा करना बिल्कुल भी न भूलें
  • पूजा के आखिर में कार्तिकेय जी की आरती भी जरूर करें

स्कंद षष्ठी शुभ मुहूर्त

  • षष्ठी तिथि आरंभ- रात 07 बजकर 53 मिनट से (23 जून 2023)
  • षष्ठी तिथि समाप्त- रात 10 बजकर 17 मिनट तक (24 जून 2023)
  • आषाढ़ स्कंद षष्ठी व्रत तिथि- 24 जून 2023

 स्कंद षष्ठी के दिन इन मंत्रों का करें जाप

1.  ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात।।

2. देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते।।

3. देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव, कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते। ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात:।।

स्कंद षष्ठी व्रत का महत्व

स्कंद षष्ठी व्रत करने से भगवान कार्तिकेय के साथ-साथ माता गौरी और भगवान भोलेनाथ की भी कृपा बनी रहती है। परिवार और संतान के ऊपर आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं। जिनकी कोई संतान नहीं है वो लोग जरूर स्कंद षष्ठी का उपवास और पूजा करें। उनकी सूनी गोद जल्द ही भर जाएगी। इसके अलावा स्कंद षष्ठी व्रत के दिन कार्तिकेय भगवान की पूजा करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियों दूर हो जाती हैं। 

(डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।)

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