Sheetala Ashtami 2023: शीतला अष्टमी पर क्यों लगाया जाता है मां को बासी भोजन का भोग? जानें कैसे तैयार होता है प्रसाद
Sheetala Ashtami 2023: आखिर शीतला अष्टमी पर माता शीतला को बासी भोजन का भोग क्यों लगाया जाता है? क्या है इसके पीछे की वजह? आइए जानते हैं
Sheetala Ashtami 2023: आज (15 मार्च) श्री शीतला अष्टमी व्रत है। इस दिन माता शीतला की पूजा करने और बांसी भोजन खाने की परंपरा है। साथ ही शीतला अष्टमी के दिन देवी मां को भी बांसी भोजन का ही भोग लगाने की परंपरा है। इसलिए इसे स्थानीय भाषा में बासौड़ा, बूढ़ा बसौड़ा या बसियौरा नामों से भी जाना जाता है। ये त्योहार विशेष तौर पर मालवा, निमाड़, राजस्थान और हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है।
शीतला अष्टमी की एक रात पहले यानी सप्तती की रात में माता के लिए हलवा और पूड़ी का भोग तैयार किया जाता है। आखिर शीतला अष्टमी पर माता शीतला को बासी भोजन का भोग क्यों लगाया जाता है? क्या है इसके पीछे की वजह? आइए जानते हैं
क्यों लगाते हैं बासी भोजन का भोग?
आमतौर पर देखा गया है कि हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ के समय शुद्ध और ताजा पकाए गए पकवानों का भोग लगाया जाता है। लेकिन शीतला अष्टमी के अवसर पर बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि माता शीतला को बासी भोजन काफी प्रिय है। इसलिए लोग शीतला अष्टमी पर बासी भोजन को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। वहीं, अष्टमी के दिन के घरों में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। इस दिन रात में बने भोजन को ही ग्रहण करने का रिवाज है।
शीतला अष्टमी पर कैसे करें माता की उपासना?
- घर-परिवार की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी के लिए, अपने बिजनेस को अनजाने खतरों से बचाए रखने के लिए, देवी मां की कृपा से जीवन में सफलता पाने के लिए, अपने हर काम में लाभ पाने के लिए और कामयाबी हासिल करने के लिए देवी शीतला की उपासना की जाती है।
- अगर आप अपने घर-परिवार की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो आज आप स्नान आदि के बाद शीतला मां का ध्यान करते हुए घर पर ही एक आसन बिछाकर बैठ जाएँ और मंत्रमहोद्धि में दिए देवी मां के इस नौ अक्षरों के मंत्र का 108 बार जाप करें। मंत्र इस प्रकार है, 'ऊं ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः।'
- अगर आप किसी बात को लेकर थोड़ा परेशान हैं, आपका मन कुछ बेचैन सा है तो अपने मन की शांति के लिये आज आप एक छोटा-सा चांदी का टुकड़ा लें और माता शीतला के मंदिर जाकर देवी मां को भेंट करें। अगर उस चांदी के टुकड़े पर माता का चित्र भी बना हो तो और भी अच्छा है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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