Sheetala Ashtami Vrat Puja Vidhi: शीतला अष्टमी का पर्व इस साल 15 मार्च को मनाया जाएगा। इस विधि-विधान के साथ माता शीतला की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, शीतला अष्टमी का व्रत रखने और उपासना करने से माता रानी चर्म रोग, चेचर जैसी बीमारियों से भक्तों की रक्षा करती हैं। इसके साथ ही मां शीतला व्रत रखने वाले जातकों को निरोगी होने का आशीर्वाद देती हैं। आपको बता दें कि शीतला माता को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। मां के लिए प्रसाद शीतला सप्तमी के दिन ही तैयार कर लिया जाता है। शीतला सप्तमी 14 मार्च 2023 को पड़ रहा है।
शीतला अष्टमी के दिन नहीं जलाया जाता है चूल्हा
शीतला माता को मुख्य रूप चावल और घी का भोग ही लगाया जाता है। मगर चावल को शीतलाष्टमी के दिन नहीं पकाया जाता है, बल्कि आज सप्तमी तिथि के दिन ही बनाकर रख लिया जाता है। मान्यता है कि शीतला अष्टमी के दिन घर का चूल्हा नहीं जलाना चाहिए और न ही घर में खाना बनाना चाहिए, इसलिए आज सप्तमी तिथि पर ही सारा खाना पका लिया जाता है। दरअसल, शीतला अष्टमी के दिन बासी खाना ही खाया जाता हैं। सप्तमी तिथि आज रात 8 बजकर 22 मिनट तक रहेगी।
शीतला अष्टमी पूजा विधि
- शीतला अष्टमी के दिन प्रात:काल उठकर स्नान कर साफ वस्त्र पहन लें
- इसके बाद मंदिर को साफ कर गंगाजल छिड़क शुद्ध कर लें
- फिर माता शीतला की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं
- फूल, अक्षत, जल और दक्षिणा लेकर व्रत का संकल्प लें
- शीतला मां को लाल फूल, रोली, लाल फूल और अक्षत अर्पित कर धूप-दीप जलाएं
- शीतला स्त्रोत का पाठ जरूर पढ़ें
- इसके बाद शीताल मां की आरती करें
- फिर सप्तमी तिथि में तैयार किए गए भोग को माता रानी को चढ़ाएं
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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