Shattila Ekadashi 2024 Vrat Katha: हिंदू धर्म में प्रत्येक एकादशी अपने आप में विशेष है। आज 6 फरवरी 2024 को माघ माह की शुक्ल पक्ष की षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इसका व्रत रखने से भगवान नारायण की अद्भुत कृपा मिलती है। इसी के साथ जीवन में सदैव संपन्नता भी बनी रहती है। अगर आप आज के दिन षटतिला एकादशी का व्रत हैं और इसके पूर्ण लाभ के साथ ही भगवान विष्णु की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो आज के दिन रात्रि जागरण करें।
यदि आप रात भर जाग कर भगवान का भजन करने में किसी कारण आसर्मथ हैं तो षटतिला एकादशी की व्रत कथा अवश्य पढ़ें या इसका श्रवण कर के ही सोएं अन्यथा आपका व्रत अधूरा माना जाएगा और इसका शुभ फल आपको प्राप्त नहीं होगा।
षटतिला एकादशी व्रत की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार एक समय की बात है जब काशी में एक गरीब अहीर रहता था। वह बड़ा गरीब था और जंगल की लकड़ियां काट कर बेचता और अपने परिवार का भरण पोषण करता। जिस दिन उसकी लकड़ियां नहीं बिकती वह और उसका परिवार भूखे रह जाते थे। एक दिन वह साहूकार के घर लकड़ी बेचने गया। उसने देखा की साहूकार के घर किसी त्योहार की तैयारी चल रही है। उसके मन साहूकार से पूछने की जिज्ञासा हुई आखिर ये तैयारी किस चीज की चल रही है। उसने साहूकार से डरते हुआ पूछा तब साहूकार ने बताया आज षटतिला एकादशी के व्रत की तैयारी चल रही है। सेठ ने बताया कि यह एकादशी बड़ी पावन है, इसका नियम पूर्वक व्रत रखने और विष्णु आराधना करने से गरीबी, संसार के समस्त कलेश, रोग, पाप आदि समाप्त होते हैं। जो लोग इसका व्रत करते हैं उन पर श्री हरि की विशेष कृपा होती है और धन एवं संतान की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत रखने वाले लोगों के जीवन में सुख-सौभाग्य आता है। यह बात जानकर अहीर घर पहुंचा और उसने अपनी पत्नी को षटतिला एकादशी का महत्व बताया। उसके बाद दोनों ने इसका विधिवत व्रत रखा। इसके फलस्वरूप उन पर भगवान नारायण की कृपा हुई और वह कंगाल से धनवान बन गए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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