Shanishchari Amavasya: 27 अगस्त को भाद्रपद अमावस्या पड़ रही है। भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को भाद्रपद अमावस्या कहते हैं। इस दिन का बहुता ज्यादा महत्व होता है। इस साल शनि अमावस्या शनिवार यानी कि 27 अगस्त को पड़ रही है। ऐसे में इस दिन को शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। शनिदेव इस समय मकर राशि में वक्री अवस्था में हैं। इस वजह से धनु, मकर और कुंभ राशि के लोगों पर साढ़े साती चल रही है। वहीं मिथुन और तुला राशि के लोग ढैय्या ( चौथे या आठवें भाव में विराजमान हों ) से परेशान हैं। ऐसे में शनिश्चरी अमावस्या के दिन इन राशियों के जातक कुछ उपाय कर परेशानी खत्म कर सकते हैं।
अमावस्या का समय
ये अमावस्या 26 अगस्त को दोपहर करीब 12 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर 27 अगस्त दोपहर 1 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। 14 साल के बाद शनिश्चरी अमावस्या पर बन रहा शुभ संयोग बन रहा है।
शुभ संयोग
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भादो मास में शनि अमावस्या का होना काफी दुर्लभ माना जाता रहा है। क्योंकि ऐसा संयोग 2008 में बना था। ज्योतिषों के अनुसार, 14 साल पहले 30 अगस्त 2008 को भादो मास में शनि अमावस्या का योग बना था। इसलिए ऐसे दुर्लभ संयोग में भगवान शनि की पूजा करने का विशेष फल मिलेगा।
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सरसों के तेल में देखें परछाई
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ये शुभ संयोग 14 सालों के बाद हो रहा है। तो आप कुछ आसान उपाय करके शनिदेव की कृपा पा सकते हैं। शनिश्चरी अमावस्या के दिन बर्तन में सरसों का तेल लेकर उसमें सिक्का डाल लें। इस तेल में अपनी परछाई देखें, फिर इसे किसी गरीब या जरूरतमंद को दान कर दें। साथ ही उस शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
सरसों के तेल का दीपक
जिन राशि के जातकों पर शनि का साढ़े साती या ढैय्या चल रही है और इससे वह काफी परेशान हैं। वह इस दिन शनिदेव को सरसों को तेल चढ़ाए। उनके आगे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। काली उड़द की दाल चढ़ाएं और इससे बने प्रसाद को वितरित करें।
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)