Shani Vakri 2023: शनि की चाल करेगी बवाल, इन 5 राशियों पर शनिदेव की रहेगी टेढ़ी नजर, अगले 6 महीने तक रहना होगा बेहद सावधान
Shani Vakri 2023 Effects: अगले 6 महीनों तक यानी जून से लेकर नवंबर तक वृष सहित इन 5 राशियों को बहुत ही अधिक सजग रहने की जरूरत है। आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कौन सी हैं वो 6 राशियां।
Shani Vakri 2023 Effects: 17 जून दिन शनिवार को शनि महाराज अपनी मूलत्रिकोण राशि कुंभ में वक्री होने जा रहे हैं और 6 महीने तक इसमें ही विराजमान रहेंगे। जी हां, आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार शनि बीते 17 जनवरी 2023 की शाम 5 बजकर 47 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश किए थे और 17 जून 2023 को रात 10 बजकर 56 मिनट पर शनि कुंभ राशि में वक्री हो जाएंगे यानि उल्टे गति से गोचर करने लगेंगे। इसके बाद 4 नवंबर की दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर कुंभ राशि में ही मार्गी हो जाएंगे यानि सीधी गति से गोचर करने लगेंगे। ऐसे में अब अगले 6 महीनों तक यानी जून से लेकर नवंबर तक वृष सहित इन 5 राशियों को बहुत ही अधिक सजग रहने की जरूरत है। आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कौन सी हैं वो 6 राशियां।
1. वृष राशि
शनि आपके दसवें स्थान पर वक्री होंगे। जन्मपत्रिका के दसवें स्थान का सम्बन्ध हमारे करियर, राज्य तथा पिता से होता है। शनि के इस गोचर से आपके पिता के स्वास्थ्य में थोड़ी दिक्कत आ सकती है। उन्हें पेट संबंधि तकलीफ हो सकती है। इसके अलावा आपके जॉब या कार्यस्थल में व्यस्तता बढ़ने की सम्भावना है। लिहाजा शनि के अशुभ स्थिति से बचने के लिए जरूरतमंद लोगों को आदरपूर्वक खाना खिलाएं।
2. कर्क राशि
शनि आपके आठवें स्थान पर वक्री होंगे। जन्मपत्रिका के आठवें स्थान का सम्बन्ध हमरे आयु से है। शनि के इस गोचर से आपके स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। इसके अलावा आपको पिछले किसी बात का डर परेशान कर सकता है। जिससे समस्याएं कम हो जाएं। लिहाजा शनि के अशुभ स्थिति से बचने के लिए काली उर्द की दाल का दान करें।
3. सिंह राशि
शनि आपके सातवें स्थान पर वक्री होंगे। जन्मपत्रिका के सातवें स्थान का सम्बन्ध हमारे जीवनसाथी से है। शनि के इस गोचर से आपके दाम्पत्य संबंध में थोड़ी नोक-झोंक हो सकती है। शांत रहकर ठंडे दिमाग से काम लें वरना बात का बतंगड़ बन सकता है। बेहतर होगा कि बिजनेस के कारोबार में सोच-समझकर फैसला लें। लिहाजा शनि के अशुभ स्थिति से बचने के लिए भवन की दहलीज़ साफ रखें और उसकी पूजा करें।
4. कन्या राशि
शनि आपके छठवें स्थान पर वक्री होंगे। जन्मपत्रिका के छठे स्थान का सम्बन्ध हमारे मित्र, शत्रु तथा स्वास्थ्य से है। शनि के इस गोचर से आपके मित्र से किसी बात को लेकर अनबन हो सकती है। शत्रुपक्ष आपको परेशान करने की कोशिश कर सकता है। पार्ट्नरशिप में कोई काम कर रहे हैं तो आपको उसमें मित्र का सहयोग प्राप्त होगा। लिहाजा शनि के अशुभ स्थिति से बचने और शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए नारियल या बादाम बहते पानी में प्रवाहित करें।
5. वृश्चिक राशि
शनि आपके चौथे स्थान में वक्री होंगे। जन्मपत्रिका के चौथे स्थान का सम्बन्ध हमारे भवन, भूमि, वाहन तथा माता से है। शनि के इस गोचर से माता के स्वास्थ्य में थोड़ी गिरावट आ सकती है। अगर आप कोई नई जमीन लेने की सोच रहे हैं तो कुछ दिन रुक कर लें वरना परिणाम आपके इच्छा अनुसार नहीं होगा। लिहाजा शनि के अशुभ स्थिति से बचने के लिए शनि की वस्तु जैसे काले कपड़े लोहे के बर्तन आदि का इस्तेमाल करें।
6. कुंभ राशि
शनि आपके लग्न स्थान यानि पहले स्थान में वक्री होंगे। जन्मपत्रिका में लग्न यानि पहले स्थान का सम्बन्ध हमारे शरीर तथा मुख से है। शनि के इस गोचर करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्या बन सकती है। अगर आप पढ़ाई कर रहे हैं तो कई रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। घुटने या पैर में दर्द की समस्या बन सकती है। अतः शनि के शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए तवा, चिमटा या अंगीठी का दान करें।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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