Sawan Last Somwar 2023: सावन के आखिरी सोमवार पर बन रहा गजब का संयोग, शिव जी को प्रसन्न करने के लिए इस मुहूर्त में करें पूजा
Sawan Last Somwar 2023: पंचांग के अनुसार सावन का आठवां और आखिरी सोमवार पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं आखिरी सोमवार की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र और सामग्री की पूरी लिस्ट।
Sawan Last Somwar 2023: आज (28 अगस्त) को सावन का आठवां और आखिरी सोमवार है। इस दिन भगवान शिव के निमित्त व्रत किया जाता है और उनकी विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है। वैसे तो सावन का पूरा महीना ही शिव भक्ति के लिए समर्पित है, लेकिन शास्त्रों में सावन महीने में पड़ने वाले सोमवार का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। कहते हैं सावन के सोमवार के दिन जो कन्याएं व्रत रख भगवान शिव की पूजा अर्चना करती हैं, उनको सुयोग्य और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। साथ ही विवाहित महिलाएं अपने पति के साथ अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए, उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए और उनके सुख समृद्धि के लिए भी सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं। साथ ही पुरुष भी इस व्रत को कर सकते हैं।
सावन सोमवार का क्यों है इतना महत्व
दरअसल, सोमवार का प्रतिनिधि ग्रह चंद्रमा है, जो कि मन का कारक है और चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक पर विराजित है। लिहाजा भगवान शिव स्वयं अपने भक्तों के मन को नियंत्रित करते हैं और उनकी इच्छाएं पूरी करते हैं और यही वजह है कि सावन महीने में सोमवार के दिन का इतना महत्व है।
आखिरी सोमवार पर बन रहा कई शुभ संयोग
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की आखरी सोमवारी पर 5 शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन प्रदोष व्रत, आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है।
आठवां और आखिरी सावन सोमवार 2023 का शुभ मुहूर्त
- सुबह का मुहूर्त - सुबह 09 बजकर 09 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक
- प्रदोष काल मुहूर्त - शाम 06 बजकर 48 मिनट से रात 09 बजकर 02 मिनट तक
आखिरी सोमवार की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठ जाएं और फिर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- उसके बाद घर के मंदिर में दीपक जलाएं।
- सभी देवी-देवताओं को गंगाजल से अभिषेक करें।
- उसके बाद शिवलिंग और भगवान शिव को गंगाजल और दूध चढ़ाएं।
- शिवजी को सफेद फूल अर्पित करें।
- भगवान शिव को बेलपत्र, दही, शहद, तुलसी चढ़ाएं।
- अब भोलेनाथ को पांच प्रकार के फल चढ़ाए और भोग लगाएं।
- उसके बाद शिवजी की आरती करें।
- पूरे दिन सिर्फ सात्विक चीजें ही खाएं।
- इस दिन ज्यादा से ज्यादा भगवान शिव का मंत्र जाप करें।
पूजा सामग्री
भोलेनाथ की पूजा करने के लिए फूल, पंच फल, पंचमेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती जी की सोलह श्रृंगार के समान की जरूरत पड़ेगी।
भगवान शिव के मंत्र
सावन के हर सोमवार को इस मंत्र का जाप करना चाहिए। कहा जाता है कि इसका जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। शिव जी का पंचाक्षर मंत्र: ऊँ नम: शिवाय।।
महामृत्युंजय मंत्र
- ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
- ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
- भगवान शिव के प्रिय मंत्र
- ॐ नमः शिवाय।
- नमो नीलकण्ठाय।
- ॐ पार्वतीपतये नमः।
- ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
- ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।
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