Sawan Monday: सोमवार के दिन जरूर करें 'रुद्राष्टकम स्त्रोत्र' का पाठ, भोले बाबा दूर करेंगे सभी संकट, पूरी होगी हर कामना
सावन महीने के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन व्रत कर महादेव की उपासना करने से जीवन में हर प्रकार के सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
Rudrashtakam Stotram Benefits: आज यानी 7 अगस्त को भगवान भोलेनाथ के भक्त सावन का पांचवा सोमवार का उपवास रखेंगे। सावन में आने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने और विधि विधान के साथ पूजा करने से शिवजी और माता गौरी भक्तों की हर मनोकामना को पूरी करते हैं। मालूम हो कि सोमवार का दिन महादेव को समर्पित है। ऐसे में सावन के अलावा अन्य माह के सोमवार के दिन भी शिव शंकर की उपासना कर के भोले भंडारी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। सोमवार के दिन शिव चालीसा के अलावा 'शिव रुद्राष्टकम' का पाठ करना भी फलदायी माना गया है। ' शिव रुद्राष्टकम' को को काफी शक्तिशाली माना गया है। कहते हैं कि इसके पाठ से शीघ्र रूप से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
शिव रुद्राष्टकम पाठ
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेहम्
निराकारमोङ्करमूलं तुरीयं
गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकालकालं कृपालं
गुणागारसंसारपारं नतोहम्
तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभिरं
मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा
चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं
प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।
त्र्यःशूलनिर्मूलनं शूलपाणिं
भजेहं भवानीपतिं भावगम्यम्
कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी
न यावद् उमानाथपादारविन्दं
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं
न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो
रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये
ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति।।
॥ इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम्॥
सोमवार व्रत पूजा के दौरान करें इन शिव मंत्रों का जाप
- ओम हौं जूं स: ओम भूर्भुव: स्व: ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवद्र्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ओम स्व: भुव: ओम स: जूं हौं ओम॥
- ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।
- ओम नम: शिवाय
- कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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