Saraswati Puja 2024: प्रत्येक वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार बसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी 2024 दिन बुधवार को मनाया जाएगा। जहां इस दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है वहीं इस दिन ज्ञान, कला और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा करने का विधान है। आखिर ऐसा क्या है कि बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती की पूजा की जाती है? आज हम आपको इससे जुड़ी पौराणिक मान्यता बताने जा रहे हैं।
बसंत पंचमी से ये है विद्या की देवी मां सरस्वती का नाता
मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती प्रकट हुईं थीं। उनके जन्मोत्सव के तौर पर यह पर्व मनाया जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार विष्णु जी की आज्ञा से ब्रह्मा जी ने संसार की रचना कि तो उन्होंने संपूर्ण सृष्टि में सब कुछ पाया लेकिन उन्होंने देखा कि सब मौन, शांत और दुःखी दिखाई दे रहे हैं। तब उन्होंने सृष्टि में कुछ परिवर्तन करने के उद्देश्य से अपने कमंडल से जल निकाल कर उसे छिड़क दिया। जल के छिड़कते ही उसमें से एक पुंज प्रकाश से श्वेत वर्ण हंस पर सवार एक देवी प्रकट हुईं जो मां सरस्वती थीं।
मां सरस्वती के दिव्य स्वरूप की महिमा
मां सरस्वती जब प्रकट हुईं तो उनकी चार भुजाएं थीं और वह अपने दो हाथों से वीणा बजा रहीं थीं। इसके अलावा उन्होंने एक हाथ में पुस्तक और दूसरे हाथ में मोती की माला धारण की थी। ब्रह्मा जी के आग्रह करने पर मां सरस्वती ने वीणा बजा कर सभी जीवों को संसार में वाणी प्रदान की। यह देवी विद्या और बुद्धि प्रदान करने वाली हैं। मां सरस्वती देवी जिस दिन प्रकट हुईं वह माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि और बसंत पंचमी का दिन था। इसलिए प्रत्येक घर में इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है।
मां सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार साल 2024 में बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी 2024 को बुधवार के दिन सुबह 7 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इस दौरान मां सरस्वती की पूजा की जाएगी।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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