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Hindi News धर्म त्योहार Santan Saptami 2022: बच्चों की लंबी आयु के लिए इस दिन रखें संतान सप्तमी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Santan Saptami 2022: बच्चों की लंबी आयु के लिए इस दिन रखें संतान सप्तमी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Santan Saptami 2022: संतान की प्राप्ति और उसकी लंबी उम्र के लिए माता पिता संतान सप्‍तमी का व्रत रखते हैं।

Santan Saptami 2022- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Santan Saptami 2022

Highlights

  • भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को संतान सप्तमी व्रत रखा जाता है
  • यह व्रत संतान और उसकी मंगलकामना के लिए रखा जाता है
  • इस व्रत में महादेव और माता पार्वती की पूजा की जाती है

Santan Saptami 2022: संतान सप्तमी व्रत संतान की प्राप्ति के लिए और उनके उज्जव भविष्य, बेहतरीन जीवन के लिए रखा जाता है। संतान सप्तमी के नाम से ही पता चलता है कि यह व्रत संतान और उसकी मंगलकामना के लिए रखा जाता है। संतानहीन दंपत्ति यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए रखते हैं। संतान सप्तमी व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों साथ में रख सकते हैं। आइए जानते हैं संतान सप्तमी व्रत की तिथि, मुहूर्त, पूजा के महत्व के बारे में सबकुछ। 

संतान सप्तमी मुहूर्त- 2022

हिंदू धर्म के अनुसार, भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 02 सितंबर की दोपहर 0:51 मिनट से शुरू हो रही है, इस तिथि का समापन अगले दिन 03 सितंबर शनिवार को दोपहर 12:28 मिनट पर होगा। उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, संतान सप्तमी का व्रत 03 सितंबर को रखा जाएगा।

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संतान सप्‍तमी पूजा विधि 

संतान सप्तमी की सुबह जल्दी उठकर नहा-धोकर साफ कपड़े पहनें। भगवान के सामने हाथ जोड़कर व्रत का संकल्‍प लें। इस व्रत में फल खा सकते हैं और पूजा के बाद भोजन कर सकते हैं। संतान सप्‍तमी की पूजा के लिए घर में किसी जगह को साफ करके चौकी रखें। उस पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। फिर पानी के कलश पर स्वस्तिक का चिह्न बनाएं और उस पर आम के पत्ते रखकर ऊपर नारियल रखें। गाय के घी का दीया जलाएं। शिवजी को मौली, अक्षत, चंदन, फूल, पान और सुपारी चढ़ाएं। खीर-पुरी गुड़ से बने मीठे पुए का भोग लगाएं। संतान सप्तमी व्रत की कथा सुनें। अंत में आरती कर पूजा का समापन करें।

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संतान सप्तमी व्रत का महत्व

  1.  संतान सप्तमी का व्रत संतान प्राप्ति का सुख, समृद्धि और खुशहाल जीवन के लिए किया जाता है।
  2. विवाह के काफी समय तक जिन लोगों को संतान सुख प्राप्त नहीं हो पाया है, वे लोग भी संतान सप्तमी का व्रत रखते हैं।
  3. इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधि विधान से की जाती है और कथा सुनते हैं। भगवान शिव और देवी पार्वती की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। 

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