Navratri Sandhi Puja Time 2024: इस साल संधि पूजा कब की जाएगी? यहां जानें पूजा का सही समय और शुभ मुहूर्त
Sandhi Puja 2024: नवरात्रि में संधि पूजा का विशेष महत्व होता है। संधि पूजा अष्टमी तिथि के खत्म होने के बाद और नवमी तिथि से प्रारंभ होने के समय किया जाता है। यहां जानिए कि इस साल संधि पूजा कि तिथि और समय क्या रहेगा।
Navratri Sandhi Puja 2024: नवरात्र के दौरान संधिकाल में संधि पूजा का विशेष महत्व होता है। यह पूजा अष्टमी तिथि के समाप्त होने और नवमी तिथि के शुरू होने पर किया जाता है। दरअसल अष्टमी तिथि के आखिरी 24 मिनट और नवमी के पहले 24 मिनट को संधिकाल कहा जाता है। इस पूजा में 108 मिट्टी के दिए, 108 कमल के फूल के अलावा एक लाल साबुत फल, लाल गुड़हल के फूल, साड़ी, कच्चे चावल के दाने, बेल पत्ते का प्रयोग किया जाता है। पूजा के दौरान मां दुर्गा को 108 लाल गुड़हल के फूलों की और 108 बेल के पत्तों से बनी दो मालाएं पहनाई जाती हैं।
इसके अलावा एक बात यह भी जान लीजिये कि अष्टमी के अलावा नवमी तिथि में किया जाने वाला व्रत और पूजनादि शुक्रवार के दिन किया जाएगा और हवन आदि शनिवार के दिन किया जाएगा। नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा की नवीं शक्ति उपासना की जाती है। मां दुर्गा की नौवीं और अलौकिक शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है। नाम से ही स्पष्ट है सिद्धियों को देने वाली मां सिद्धिदात्री। कहते हैं इनकी पूजा से व्यक्ति को हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती है। मार्केण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, ईशित्व और वशित्व, कुल आठ सिद्धियां हैं, जो कि मां सिद्धिदात्री की पूजा से आसानी से प्राप्त की जा सकती हैं।
देव पुराण के अनुसार भगवान शिव ने भी मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही सिद्धियों को प्राप्त किया था और इन्हीं की कृपा से भगवान शिव अर्द्धनारीश्वर कहलाए। अतः आज के दिन विशिष्ट सिद्धियों की प्राप्ति के लिए सिद्धिदात्री की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए। साथ ही इस अति विशिष्ट मंत्र का जप भी करना चाहिए। मंत्र है- ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ऊँ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।
संधि पूजा 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त
बता दें कि 11 अक्टूबर को संधि काल के पूजा का मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 30 तक रहेगा। मान्यताओं के अनुसार, इसी मुहूर्त में देवी चामुंडा, चंड एवं मुंड नामक राक्षसों का वध करने हेतु प्रकट हुई थीं। संधि पूजा का मुहूर्त दिन में किसी भी समय पड़ सकता है और संधि पूजा मात्र उसी समय संपन्न की जाती है।
- अष्टमी तिथि प्रारंभ- 10 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से
- अष्टमी तिथि समाप्त - 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकस 6 मिनट तक
- संधि पूजा- शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024
- संधि पूजा मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 42 मिनट से पहर 12 बजकस 30 मिनट तक
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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