Sakat Chauth 2024: आज माघ माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। आज सभी माताएं अपने संतान की दीर्घायु और उनके सफल जीवन के लिए सकट चौथा का व्रत रखती हैं। यह व्रत भगवान गणेश और माता सकट को समर्पित होता है। आज सकट चौथ का व्रत जो माताएं पूर्ण श्रद्धा से रख रही हैं। उनकी संतान श्री गणेश की कृप से जीवन में अपार सफलता को प्राप्त करती हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन नव विवाहित दांपतियों के व्रत रखने से उनकों संतान सुख की प्राप्ति होती है और जल्द उनकी सूनी गोद भरती है। सकट चौथा का व्रत रखना जितना महत्वपूर्ण है। उतना ही जरूरी है इसका सही समय पर पारण कर व्रत को खोल लेना। आइए जानते हैं सकट चौथ के व्रत का पारण कब किया जाएगा और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना होता है।
सकट चौथ व्रत के पारण का नियम
- सकट चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है। व्रत के दौरान व्रती महिलाएं पानी तक नहीं पीती हैं। इस व्रत का पारण चंद्रमा को देख कर किया जाता है। चंद्रोदय के समय सकट चौथ के व्रत को खोला जाता है।
- पूजा पद्धति के अनुसार सकट चौथ का व्रत शकरकंदी खाकर खोलना चाहिए। शकरकंदी के अलावा लोग भगवान को भोग में चढ़ाए हुए प्रसाद को खाकर भी अपना व्रत खोलते हैं।
- अगर आप सकट चौथ के व्रत का पारण करते हैं तो ध्यान रहे कि इस व्रत को कभी भी नमक वाली चीजों को खाकर नहीं खोला जाता है।
- इस व्रत का पारण करने के बाद सात्विक भोजन और फलाहार ग्रहण करना चाहिए। तभी यह व्रत पूर्ण रूप से सफल माना जाएगा और श्री गणेश की कृपा से आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।
- धार्मिक मान्यता के अनुसार चंद्रमा जिस समय उदय होते हैं उस दौरान उनको अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है।
सकट चौथ के व्रत का पारण इस समय किया जाएगा
आज दिन भर सकट चौथ का व्रत रखने के बाद चंद्रोदय के समय इस व्रत का नियम पूर्वक पारण किया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार आज चंद्रोदय का समय रात्रि 9 बजकर 10 मिनट पर होगा। इस दौरान सकट चौथ के व्रत का पारण किया जाएगा।
अगर न दिखाई दे चंद्रमा तब क्या करें?
यदि सकट चौथ वाले दिन संध्याकाल में चंद्रमा न दिखाई दे। तब आप चंद्र देव की तस्वीर को पूजा घर में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें। चंद्र देव की तस्वीर पर आप अक्षत, कुमकुम, चंदन आदि चीजें अर्पित कर उनके हाथ जोड़ प्रार्थना करते हुए अपने व्रत का पारण कर सकते हैं। आप चाहें तो भगवान शिव के मस्तक पर लगे चंद्रमा का दर्शन करते हुए भी ऐसी स्थिति में व्रत को खोल सकते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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