Pradosh Vrat 2024: इस विधि के साथ करें शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा, इन बातों का जरूर रखें ध्यान, मिलेगी शिव-गौरी की कृपा
Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की उपासना करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं कि किस विधि के साथ प्रदोष व्रत की पूजा करना शुभ और फलदायी रहेगा।
Pradosh Vrat 2024: आज यानि कि 22 मार्च को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत करने का विधान है। इस दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबित, प्रदोष व्रत करने से हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। बता दें कि वार के हिसाब से प्रदोष व्रत का नाम कारण होता है। अगर प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ता है तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं। इस बार प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन है तो इसे शुक्र प्रदोष कहेंगे। कहते हैं कि शुक्र प्रदोष का व्रत रखने से सौभाग्य और दांपत्य जीवन में सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही शिवजी और मां गौरी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि कर साफ-सुथरे कपड़े पहन लें। इसके बाद भगवान शिव की पूजा प्रारंभ करें। आज के दिन भगवान शिव को बेल पत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग आदि चढ़ाने के बाद शिव मंत्र का जाप करें। बता दें कि किसी भी प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का बहुत महत्व होता है। त्रयोदशी तिथि में रात्रि के प्रथम प्रहर, यानि सूर्यास्त के बाद के समय को प्रदोष काल कहते हैं। सुबह पूजा आदि के बाद प्रदोष काल के समय भी पुनः इसी प्रकार से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इस प्रकार जो व्यक्ति भगवान शिव की पूजा आदि करता है और प्रदोष का व्रत करता है, उसको जीवन में चल रही समस्त समस्याओं से छुटकारा मिलता है और उसे उत्तम लोक की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत के दिन जरूर करें ये काम
कहते हैं कि प्रदोष व्रत के दिन जो व्यक्ति व्रत कर भगवान शंकर की पूजा करता है और किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है, उसपर भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। अतः आज के दिन रात के पहले प्रहर में शिवजी को कुछ न कुछ भेंट अवश्य करना चाहिए।
शुक्र प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त
- फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की आरंभ- 22 मार्च को सुबह 8 बजकर 21 मिनट से
- त्रयोदशी तिथि समाप्त- 23 मार्च को सुबह 6 बजकर 11 मिनट पर
- प्रदोष व्रत तिथि- 22 मार्च 2024
प्रदोष व्रत नियम
- प्रदोष व्रत के दिन शिवजी के बेलपत्र और धतुरा जरूर अर्पित करें
- शिवजी को फल-मेवा का भोग लगाएं
- शिव चालीसा और मंत्रों का जाप करें
- शिवजी के साथ माता पार्वती की पूजा करें
- मां गौरी को सिंदूर लगाना न भूलें
- शिवलिंग पर सिंदूर, हल्दी और तुलसी भूलकर भी न चढ़ाएं
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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