अश्विनी नक्षत्र में जन्मे लोग होते हैं तेजस्वी, अपने इन गुणों की बदौलत करते हैं दुनिया पर राज
आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से अश्विनी नक्षत्र को पहला नक्षत्र माना जाता है। इसका प्रतीक चिन्ह घोड़े को माना जाता है, जो कि यात्रा का प्रतीक भी है
कल पौष शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि और रविवार का दिन है। दशमी तिथि कल शाम 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगी। कल सुबह 7 बजकर 25 मिनट तक शिव योग रहेगा। इस योग में किय गये सभी कार्यों में, विशेषकर कि मंत्र प्रयोग में सफलता मिलती है। उसके बाद सिद्ध योग शुरू हो जायेगा। यदि आपको किसी से विद्या या कोई विधि सीखनी हो तो यह योग अति उत्तम है। इस योग में कार्य सीखने या करने में खूब मन लगता है और पूर्ण सफलता मिलती है।साथ ही आज दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक अश्विनी नक्षत्र रहेगा।
आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से अश्विनी नक्षत्र को पहला नक्षत्र माना जाता है। इसका प्रतीक चिन्ह घोड़े को माना जाता है, जो कि यात्रा का प्रतीक भी है और यात्रा शब्द अपने आप में ही किसी प्रकार के आरंभ का प्रतीक है।अतः अश्विनी नक्षत्र को भी किसी प्रकार की यात्राओं से जोड़कर देखा जा सकता है। अश्विनी नक्षत्र के प्रभाव में आने वाले जातक अपने कार्यों को शीघ्रता से आरंभ करने में विश्वास रखते हैं। किसी भी काम में स्पष्टता इनकी मुख्य विशेषता है। साथ ही अश्विनी नक्षत्र के जातक भरोसेमंद, स्वतंत्र और सीधे मुद्दे की बात करने वाले होते है, लेकिन ये लोग किसी की सलाह को पसंद नहीं करते हैं।
अश्विनी नक्षत्र के सभी चार चरण मेष राशि में स्थित होते हैं। अत: इसकी राशि मेष है, जबकि अश्विनी नक्षत्र के स्वामी केतु हैं। इसके अलावा अश्विनी नक्षत्र का संबंध कुचिला के पेड़ से बताया गया है। लिहाजा अश्विनी नक्षत्र के दौरान जन्में जातकों को आज के दिन कुचिला के पेड़ की उपासना करनी चाहिए और आज के दिन कुचिला के पेड़ को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। आज ऐसा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)
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