A
Hindi News धर्म त्योहार Akhuratha Sankashti Chaturthi 2023: कब है पौष माह की पहली अखुरथ संकष्टी चतुर्थी? यहां जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

Akhuratha Sankashti Chaturthi 2023: कब है पौष माह की पहली अखुरथ संकष्टी चतुर्थी? यहां जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

प्रत्येक माह को पड़ने वाली चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस बार पौष माह की पहली चतुर्थी तिथि को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन गजानन की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है, आइए जानते हैं इस बार अंखुरथ संकष्टी चतुर्थी कब मनाई जाएगी और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त।

Akhuratha Sankashti Chaturthi 2023- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Akhuratha Sankashti Chaturthi 2023

Akhuratha Sankashti Chaturthi 2023: हिंदू धर्म में हर पर्व और तिथि का अपना एक विशेष महत्व है। इस बार पौष मास में पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन जो भी भक्त भगवान गणेश की श्रद्धापूर्वक वंदना करते हैं। भगवान गणपति उनके सभी  मनोरथ को जीवन में पूरा करते हैं।

मान्यता के अनुसार इस दिन जो लोक विधि पूर्वक व्रत रखते हैं भगवान गणेश उनके सभी बिगड़े काम संवार देते हैं। आइए जानते हैं इस बार हिंदू पंचांग के अनुसार अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कब मनाई जाएगी और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त।

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त

  • अखुरथ संकष्टी चतुर्थी - 30 दिसंबर 2023 दिन शनिवार
  • चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 30 दिसंबर 2023 दिन शनिवार सुबह 9 बजकर 43 मिनट से शुरू।
  • चतुर्थी तिथि समापन - 31 दिसंबर 2023 दिन रविवार सुबह 11 बजकर 55 मिनट तक समाप्ति।
  • चंद्रोदय का समय - 30 दिसंबर 2023 दिन शनिवार रात 8 बजकर 36 मिनट।

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि

  • सबसे पहले प्रातःकाल उठ कर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें।
  • स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत का संकल्प लें।
  • व्रत का संकल्प लेने के बाद श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित कर उनके सम्मुख बैठ कर उन्हें धूर्वा, अक्षत, मेवे-मिष्ठान, मोदक, कुमकुम और जनेऊ आदि पूजन सामग्रियां भेंट करें।
  • इसके बाद श्री गणेश को एक घी का दीपदान कर उनकी आरती उतारें।
  • पूजा के बाद गजानन को दंडवत प्रणाम कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
  • इन सब धार्मिक पूजा विधि को अपनाने के बाद संध्या के समय सूर्यास्त के बाद आप गणेश वंदना कर सकते हैं और चंद्रोदय के समय चंद्र देवता के दर्शन करें।
  • इसके बाद आप अगले दिन चतुर्थी तिथि समाप्त होने के बाद अपने व्रत का पारण कर सकते हैं। 
  • श्री गणेश की वंदना के साथ ही साथ रिधि-सिद्धि की पूजा भी करें ऐसा करने से आपको मनोवांछित फलों की प्राप्ति होगी।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

ये भी पढ़ें-

New Year 2024: नए साल 2024 की शुरुआत में खरीदना चाहते हैं वाहन? तो जान लें ये 12 शुभ मुहूर्त

Hanuman Katha: आखिर हनुमान जी क्यों लगाते हैं सिंदूर? इसके पीछे छिपी ये एक खास वजह