परशुराम जयंती 2024 में कब है? जानें इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
परशुराम जयंती 2024 में किस दिन है और इस दिन किस विधि से आपको पूजा आराधना करनी चाहिए, आइए जानते हैं विस्तार से।
भगवान परशुराम को विष्णु जी का अवतार माना जाता है। परशुराम जयंती के दिन अगर आप विधि-विधान से पूजा करते हैं तो आपको लंबी आयु का वर परशुराम जी देते हैं। साल 2024 में परशुराम जयंती कब है, और इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या होगा आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
परशुराम जयंती 2024 शुभ मुहूर्त
साल 2024 में परशुराम जयंती 10 मई को है। परशुराम जी का जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था इसलिए हर साल अक्षय तृतीया पर परशुराम जी की पूजा आराधना की जाती है।
परशुराम जयंती पर पूजा का शुभ मुहूर्त- प्रात: 7 बजकर 14 मिनट से 8 बजकर 56 मिनट
तृतीया तिथि का प्रारंभ 10 मई को 4 बजकर 16 मिनट से हो जाएगा और अगले दिन यानि 11 मई को सुबह 2 बजकर 50 मिनट तक यह तिथि व्याप्त रहेगी।
परशुराम जयंती पूजा विधि
परशुराम जयंती के दिन आपको स्वच्छ होने के बाद घर के पूजा स्थल की भी साफ-सफाई करनी चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल पर परशुराम जी की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। परशुराम भगवान को इसके बाद जल, अक्षत, चंदन आदि अर्पित करें। पूजा के दौरान घी का दीपक और धूप जलाएं। इसके बाद परशुराम जी के मंत्रों का जप करें और उन्हें खीर इत्यादि का भोग लगाएं। आप तुलसी के पत्ते भी परशुराम भगवान को अर्पित कर सकते हैं। अंत में आपको परशुराम जी की आरती करनी चाहिए और पूजा की समाप्ति पर प्रसाद भी सभी लोगों में बांटना चाहिए।
परशुराम जी के साथ ही इस दिन आप भगवान विष्णु की पूजा आराधना भी कर सकते हैं क्योंकि परशुराम भगवान विष्णु के ही छठवें अवतार थे। इस दिन आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ करके आप शुभ परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
इन मंत्रों से करें परशुराम जी को प्रसन्न
- ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।।
- ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात्।।
- ॐ रां रां ॐ रां रां परशुहस्ताय नम:।।
परशुराम जयंती के दिन इन मंत्रों का जप करने से आपको सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं। हालांकि मंत्रों का जप आपको एकांत स्थान में बैठकर करना चाहिए और कम से कम 108 माला का जप करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि परशुराम जी की पूजा करने से व्यक्ति के तेज में वृद्धि होती है। इसके साथ ही करियर और कारोबार के क्षेत्र में भी आपको लाभ मिलने लगता है। परशुराम भगवान पराक्रमी और साहसी थे इसलिए वो लोग जो साहसिक कार्यों में हिस्सा लेते हैं, उनके लिए परशुराम जी की पूजा करना बेहद शुभ फलदायी साबित हो सकता है। परशुराम जयंती, अक्षय तृतीया के दिन आती है इसलिए दान, पुण्य और पवित्र नदियों में स्नान भी आप इस दिन कर सकते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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