A
Hindi News धर्म त्योहार Chhath Puja 2023: छठ पूजा में अर्घ्य पहले दूध या पानी किससे देना चाहिए? जान लें इसका सही नियम

Chhath Puja 2023: छठ पूजा में अर्घ्य पहले दूध या पानी किससे देना चाहिए? जान लें इसका सही नियम

छठ पूजा का आज मुख्य दिन है। व्रती महिलाएं आज अस्ताचलगामी यानी ढलते सूर्य को अर्घ्य देंगी। अब ऐसे में एक सवाल आता है कि अर्घ्य पहले दूध से दिया जाए या पानी से। तो आज हम आपकी इस कन्फ्यूजन को दूर करते हैं और मान्यता के अनुसार बताते हैं कि अर्घ्य किस चीज से दें।

Chhath Puja 2023- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Chhath Puja 2023

Chhath Puja 2023: आज छठ पर्व का तीसरा दिन है। छठ पर्व में सूर्य देव और छठी मैया दोनों की पूजा का विशेष महत्व है। आज सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य देकर उनकी पूजा की जाएगी, वहीं कल यानी 20 नंवबर 2023 दिन सोमवार को सूर्योदय के समय सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर छठ पर्व का समापन होगा। छठ पर्व में सफाई का सबसे ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है।

मान्यता है कि, सूर्य देव और छठी मैया की कृपा से घर में सुख-समृद्धि और संतान की उन्नति होती है। छठ पूजा में अर्घ्य देते समय कुछ नियमों का विशेष ध्यान रखना होता है। इस पूजा के दौरान एक भी गलती नहीं होनी चहिए, पूजा में गलती होने से इसका फल नहीं मिलता। एक विशेष प्रश्न इस बात को लेकर मन में आता है कि, सूर्य देव को अर्घ्य पहले दूध से दें या पानी से। तो आइये जानते हैं इस बारें में।

सूर्य अर्घ्य पहले दूध या पानी किससे दें

छठ की पूजा करने से पहले नियमों का सही विधि से पालन करना अति आवश्यक होता है। आज से सूर्य देव को अर्घ्य देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मान्यता के अनुसार छठ पूजा के दौरान सूर्य देव को पहला अर्घ्य दूध से देना चाहिए। पहले एक पान का पत्ता लें। उसके बाद उसके ऊपर एक सुपारी रख कर व्रती महिलाएं उसे सूर्य भगवान को अर्पित करें। फिर अर्घ्य के लिए आप पीतल का एक छोटा लोटा  लें और उसमें गाय का दूध डाल कर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें। लेकिन एक बात का  ध्यान रखें दूध से अर्घ्य देते समय उसमें पानी बिल्कुल भी न मिलाएं।

इस लिए है छठ का महत्व और भी अधिक

छठ पूजा में ढलते और उगते दोनों ही सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। यह पर्व बिहार, झारखंड और पूर्वि उत्तर प्रदेश राज्य में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। इस पर्व की मान्यता महाभारत काल के समय से मानी जाती है। द्रौपदी ने जहां पांडवों का खोया हुआ राज्य सूर्य देव की उपासना से उनको पुनः दिलवाया था, वहीं कर्ण सूर्य देव की उपासना से वीर योद्धा बने थे। इस मान्यता के आधार पर छठ का महत्व लोगों के लिए और भी अधिक बड़ जाता है। खासतौर पर महिलाएं अपने परिवार की खुशहाली के लिए छठ पर्व का व्रत रखती हैं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

ये भी पढ़ें-

Chhath puja 2023: छठ में ढलते सूर्य की क्यों की जाती है पूजा? जानिए इसके पीछे की मान्यता

Chhath Puja 2023: आज छठ के तीसरे दिन ढलते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य, जानें सूर्यास्त का समय और मंत्र