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Hindi News धर्म त्योहार इस तरह हुई थी शारदीय नवरात्रि की शुरुआत, ये 2 कथाएं हैं सबसे प्रचलित

इस तरह हुई थी शारदीय नवरात्रि की शुरुआत, ये 2 कथाएं हैं सबसे प्रचलित

नवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस पर्व से जुड़ी 2 प्रचलित कथाओं की जानकारी आज हम आपको अपने इस लेख में देंगे।

Navratri 2024- India TV Hindi Image Source : SOCIAL Navratri 2024

नवरात्रि का पावन पर्व साल 2024 में 3 अक्तूबर से शुरू होगा। नवरात्रि में भक्त माता के नौ रूपों की पूजा करते हैं और कई लोग इस दौरान नौ दिनों तक व्रत भी रखते हैं। माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और उन्नति के मार्ग प्रशस्त होते हैं। नवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, पौराणिक समय से ही नवरात्रि का पर्व मनाने की परंपरा चली आ रही है। ऐसे में आज हम आपको नवरात्रि से जुड़ी दो पौराणिक कथाओं के बारे में बताने जा रहे हैं। 

नवरात्रि से जुड़ी पहली कथा 

हिंदू धार्मिक ग्रंथों में देवी दुर्गा और महिषासुर की कथा का जिक्र मिलता है। इस कथा के माध्यम से हमें शक्ति और अधर्म पर धर्म की जीत का संदेश मिलता है। इस कथा के अनुसार, महिषासुर नामक एक शक्तिशाली राक्षस था, जो अपनी शक्ति के मद में चूर होकर स्वर्ग और पृथ्वी पर अत्याचार करने लगा। महिषासुर ने तपस्या करके ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त किया था कि, उसे कोई देव, दानव, मनुष्य मार ना पाए देवताओं ने उसके अत्याचारों से मुक्ति के लिए भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी की प्रार्थना की थी। इसके बाद तीनों देवताओं ने अपनी शक्ति को मिलाकर देवी दुर्गा को प्रकट किया। साथ ही देवी दुर्गा को सभी देवताओं ने अपने श्रेष्ठ अस्त्र-शस्त्र दिए।

इसके बाद महिषासुर और देवी दुर्गा के बीच एक घमासान युद्ध हुआ। महिषासुर ने कई रूप बदले, लेकिन देवी दुर्गा ने महिषासुर के हर रूप को पराजित किया। युद्ध के अंत में माता दुर्गा ने महिषासुर का संहार कर दिया। माना जाता है कि, माता दुर्गा ने 9 दिनों तक महिषासुर के साथ युद्ध लड़ा था और दसवें दिन महिषासुर का अंत कर दिया था। विजय के उललक्ष्य में देवताओं ने माता दुर्गी की स्तुति की थी और उन्हें महिषासुरमर्दिनी नाम दिया था। माता दुर्गा के नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध को याद करते हुए ही आज भी माता शक्ति की नवरात्रि के नौ दिनों में पूजा होती है। 

नवरात्रि से जुड़ी दूसरी कथा 

रामायण में वर्णित कथा के अनुसार, भगवान राम ने लंका में रावण के विरुद्ध युद्ध करने से पहले 9 दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा की थी। भगवान राम की भक्ति से प्रसन्न होकर माता भगवती ने उन्हें युद्ध में विजय प्राप्त करने का वर दिया था। दसवें दिन भगवान राम ने युद्ध में रावण को परास्त कर दिया था। इसलिए नवरात्रि के बाद आने वाले दसवें दिन को विजयदशमी के नाम से भी जानते हैं। माना जाता है कि, राम जी ने 9 दिनों तक देवी दुर्गा की आराधना की थी, तभी से नवरात्रि के पर्व की शुरुआत हुई। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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