Kaal Sarp Dosh Remedies: कुंडली के अनुसार राहु और केतु काल सर्प दोष का कारण बनते हैं। यदि राहु नीच स्थान में बैठा हो तो भी काल सर्प दोष होता है। मूलतः सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति के साथ राहु की उपस्थिति को कालसर्प दोष माना जाता है। राहु का इष्टदेव 'काल' है और केतु का इष्टदेव 'सर्प' है। यदि कुंडली में सभी ग्रह इन दोनों ग्रहों के बीच एक ओर हों तो इसे 'काल सर्प' दोष कहा जाता है। राहु-केतु हमेशा वक्री चाल चलते हैं और सूर्य चंद्रमा की दिशा में चलते हैं। काल सर्प दोष 12 प्रकार का होता है।
नाग पंचमी के दिन चांदी से बनी सांप की आकृति वाली अंगूठी पहनना बहुत फायदेमंद होता है। ऐसा करने से काल सर्प दोष समाप्त हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नाग पंचमी के दिन अपने वजन के बराबर कोयला लेकर बहते जल में प्रवाहित करें। ऐसा करने से आपकी कुंडली मजबूत हो जाती है। नाग पंचमी के दिन श्री सर्प सूक्त का पाठ करना भी लाभकारी माना जाता है। ऐसा करने से काल सर्प दोष का प्रभाव काफी हद तक समाप्त हो जाता है। सावन सोमवार या नाग पंचमी के दिन शिवजी को नाग-नागिन का जोड़ा अर्पित करने से भी कुंडली से काल सर्प दोष दूर होता है।
काल सर्प दोष के लक्षण
- घर-परिवार में लड़ाई झगड़ा होना
- प्रेम संबंधों में परेशानी आना
- मन में नकरात्मक विचार आना
- दांपत्य जीवन में तनाव रहना
- संतान उत्पत्ति में बाधा आना
- हर काम में रुकावट आना
- मानसिक तनान होना
- नींद में काला नाग या सांप का दिखना
- मेहनत के बाद भी मन मुताबिक फल न मिलना
- कार्यक्षेत्र में विरोधि का प्रबल होना
(ज्योतिषी चिराग दारूवाला विशेषज्ञ ज्योतिषी बेजान दारूवाला के पुत्र हैं। उन्हें प्रेम, वित्त, करियर, स्वास्थ्य और व्यवसाय पर विस्तृत ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है।)
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