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Hindi News धर्म त्योहार भोलेनाथ को करना चाहते हैं प्रसन्‍न तो सोमवार के दिन जरूर करें ये काम, भगवान चारों तरफ से बरसाएंगे कृपा!

भोलेनाथ को करना चाहते हैं प्रसन्‍न तो सोमवार के दिन जरूर करें ये काम, भगवान चारों तरफ से बरसाएंगे कृपा!

हिंदू धर्म में सोमवार का दिन देवो के देव महादेव यानी शिव जी को समर्पित होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भक्त पूजा-पाठ और उपाय कर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं।

Shiv Chalisa- India TV Hindi Image Source : FREEPIK Shiv Chalisa

हिंदू धर्म में सोमवार का दिन देवो के देव महादेव यानी शिव जी को समर्पित है। इस दिन कई भक्त शिव मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते हैं। कहा जाता है कि शिवजी की कृपा जिस भक्त पर पड़ जाए, उसका जीवन सफल तो होता ही है साथ ही उसे जिंदगी में किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त शिव चालीसा का पाठ करता है उनपर महादेव की विशेष कृपा बरसती है। खासतौर पर सोमवार के दिन शिव चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए। शास्त्रों में भी शिव चालीसा को लेकर कई नियम और उपाय बताए गए हैं। तो चलिए आप भी जान लीजिए शिव चालीसा का पाठ कैसे करें। साथ ही जानिए मंत्र। 

 

जानिए शिव चालीसा का पाठ करने का सही तरीका 

  • शिव चालीसा का पाठ  सबुह उठकर स्नान करने के बाद ही करें। 
  • इस दौरान स्वच्छ कपड़े धारण करें।
  • शिव चालीसा का पाठ करते समय अपना मुंह पूर्व दिशा की ओर रखें। 
  • पाठ शुरू करने से पहले भगवान शिव की तस्वीर सामने रखें। 
  • फिर तस्वीर के सामने घी का दीपक जला दें। 
  • अब तस्वीर के सामने तांबे के लोटे में साफ जल में गंगाजल मिलाकर रख दें। 
  • पूजा के लिए साथ में धूप, दीप, सफेद चंदन, माला और 5 सफेद फूल रखें और प्रसाद के तौर पर मिश्री का इस्तेमाल करें। 
  • ये सब करने के बाद फिर शिव चालीसा का पाठ पढ़ना शुरू करें। 
  • कहा जाता है कि शिव चालीसा का पाठ बोल-बोलकर करना चाहिए क्योंकि सुनने वाले लोग को भी इसका लाभ मिलता है। 

शिव चालीसा का पाठ

जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ॥

नित्त नेम कर प्रातः ही,
पाठ करौं चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश ॥

मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन कल्याण ॥

इन मंत्रों का करें जाप

  1. ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।।
  2. ॐ नम: शिवाय।।
  3. ॐ देवाधिदेव देवेश सर्वप्राणभूतां वर।प्राणिनामपि नाथस्त्वं मृत्युंजय नमोस्तुते।। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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