Mokshada ekadashi 2022: मोक्षदा एकादशी व्रत में इन बातों का रखें विशेष ध्यान, वरना आपके परिवार पर गिर सकता है दुखों का पहाड़
Mokshada ekadashi 2022: एकादशी का व्रत करने वालों को इन ख़ास बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना पड़ता है। अगर आपने इन नियमों का पालन नहींकिया तो आपको और आपके परिवार को बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
कल यानी 3 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इसे वैकुण्ठ एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में इस एकादशी का बड़ा ही महत्व बताया गया है। मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के दामोदर रूप की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु के शंख, गदा, चक्र और पद्मधारी रूप को दामोदर की संज्ञा दी गयी है। पद्मपुराण में आया है कि स्वंय भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर से कहा है कि इस दिन तुलसी की मंजरी,धूप-दीप आदि से भगवान दामोदर का पूजन करना चाहिए। आज सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान दामोदर का स्मरण करते हुए सबसे पहले जल में गंगाजल डालकर पूरे घर में छिड़कना चाहिए और उसके बाद विधि-विधान से भगवान का पूजन करना चाहिए।
पितर दोष से मिलती है मुक्ति
कहते हैं, मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत करने से पितर दोष से मुक्ति मिलती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही आज के दिन पूजा के बाद किसी ब्राह्मण को भोजन कराने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है।एकादशी का व्रत हर कोई कर सकता है- ग्रहस्थ भी और जो गृहस्थ नहीं हैं, वो भी। जो ग्रहस्थ नहीं है,उनके लिये दोनों पक्षों की एकादशी नित्य है, लेकिन गृहस्थ को केवल शुक्ल पक्ष की एकादशी में व्रत करना चाहिए। गृहस्थ को केवल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की शयनी और कार्तिक शुक्ल पक्ष की बोधनी एकादशी के मध्य पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की एकादशीकरनी चाहिए। बाकी शुक्ल पक्ष की एकादशी ही कृत्य है और आज शुक्ल पक्ष की एकादशी है।
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मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को गीता जयंती भी मनायी जाती है। कहते हैं मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन ही इस दिन भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की भूमि पर अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। आपको बता दूं कि गीता में कुल अठारह अध्याय हैं, जो हमें जीवन के अलग-अलग पहलुओं से परिचित कराते हैं, और अपने लक्ष्य के प्रति सजग बनाते हैं।
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एकादशी के दिन कुछ बातों का भी ख्याल रखना चाहिए।
- एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
- आज के दिन पान खाने से बचना चाहिए।
- साथ ही तेल में बना हुआ खाना भीअवॉयड करना चाहिए।
- आज के दिन किसी की निन्दा नहीं करनी चाहिए और क्रोध करने व झूठ बोलने से बचना चाहिए।