Masik Durga Ashtami 2023: मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कब? इस दिन ऐसे करेंगे पूजा तो होगी माता की कृपा, जानें सही विधि और शुभ मुहूर्त
Masik Durga Ashtami 2023: जानिए मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
Masik Durga Ashtami 2023: प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की उपासना की जाती है। दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखकर भगवती दुर्गा को उबले हुए चने, हलवा-पूरी, खीर, पुए आदि का भोग लगाया जाता है फिर देवी दुर्गा के मूर्ति या तस्वीर की मंत्रों से विधि-पूर्वक पूजन किया जाता है। इसके आलावा 26 जून को दोपहर 1 बजकर 16 मिनट तक पाताल लोक की भद्रा रहेगी। पाताल लोक की भद्रा का कोई प्रभाव पृथ्वी लोक पर रहने वाले लोगों पर नहीं पड़ता। आइए जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त पूजन सामग्री और पूजा विधि
कब है मासिक दुर्गाष्टमी?
पंचांग के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत 26 जून 2023 किया जाएगा। इस दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन उपवास भी रखा जाता है।
मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त
इस दिन अष्टमी तिथि सुबह 4 बजकर 15 मिनट से शुरू और अगले दिन मंगलवाल की सुबह 4 बजे तक रहेगी।
पूजा सामग्री की लिस्ट
- लाल चुनरी
- लाल कपड़ा
- मौली
- श्रृंगार का सामान
- दीपक
- घी/ तेल
- धूप
- नारियल
- चावल
- कुमकुम
- फूल
- देवी की प्रतिमा या फोटो
- पान
- सुपारी
- लौंग
- इलायची
- बताशे या मिसरी
- कपूर
- फल-मिठाई
- कलावा
मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि
- सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ कपड़े धारण करें।
- पूजा घर को गंगाजल से छिड़कें।
- इसके बाद चौकी में लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें और देवी मां को जल अर्पित करें।
- इसके बाद मां दुर्गा को लाल चुनरी और सोलह श्रृंगार, लाल रंग का पुष्प,पुष्पमाला और अक्षत अर्पित करें।
- उसके बाद मां दुर्गा को सिंदूर का टीका लगाएं।
- मां दुर्गा को एक पान के पत्ते में लौंग, सुपारी, इलायची, बताशा रख कर चढ़ा दें।
- भोग के रूप में कोई मिठाई चढ़ाएं और फिर जल अर्पित करें।
- इसके बाद घी का दीपक और अगरबत्ती जलाकर मां दुर्गा चालीसा का पाठ करके विधि-विधान के साथ मां की आरती करें
- अंत में आपके द्वारा की गई गलतियों के लिए क्षमा मांग लें।
मासिक दुर्गाष्टमी महत्व
इस दिन देवी दुर्गा की उपासना करने से जातक के पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहेगी। साथ ही मनोवांछित फल की भी प्राप्ति होती है और जीवन में चल रही समस्यों का समाधान मिलता है।
डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
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