Margashirsha Purnima 2023: साल 2023 की आखिरी मार्गशीर्ष पूर्णिमा किस दिन मनाई जाएगी? ये है पूजा का शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष मास अब अपने अंतिम चरण में है और इसके बचे शेष दिनों में कुछ त्योहार अभी भी मनाएं जाएंगे। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पड़ती है। इस बार यह तिथि कब है और क्या है इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त आइए जानते हैं।
Margashirsha Purnima 2023: हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष माह का अपना एक विशेष महत्व है यह माहीना भगवान श्री कृष्ण का अति प्रिय है। भगवान कृष्ण की पूजा के साथ ही साथ इस महीने में श्री हरि की भी विशेष आराधना होती है। मार्गशीर्ष माह का अब समापन होने वाला है और इस पवित्र माह में 2-3 दिन ही शेष बचे हैं।
मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का दिन अपने आप में बहुत विशेष महत्व रखता है। यह दिन तीर्थ स्नान, दान-पुण्य अर्जित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन इन धार्मिक कार्यों को अपना कर आप मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा शीघ्र प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं इस बार मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि कब है और क्या है इसका शुभ मुहूर्त।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा- 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार को स्नान दान ब्रह्म मुहूर्त में करना शुभ रहेगा।
- मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार सुबह 5 बजकर 46 मिनट से शुरू।
- मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि समापन- 27 दिसंबर 2023 दिन बुधवार सुबह 6 बजकर 02 मिनट पर समाप्ति।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर क्या करें
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन किसी तीर्थस्थल में जाकर पवित्र नदी में स्नान करने से जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
- इस दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और नारायण कृपा से सभी मनोवांछित फल मिलते हैं।
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत रखने से धन-संपदा में वृद्धि होती है। इसी के साथ जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं उनके समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं और मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं।
- इस दिन मां लक्ष्मी संग भगवान विष्णु की पूजा करना बेहद फलदायी होता है। आप उनको मेवे-मिष्ठान का भोग अर्पित करें और उनके निमित्त देशी घी का दीपक अर्पित कर सकते हैं। ऐसा करने से भाग्य में उन्नती होती है।
- पूर्णिमा वाले दिन स्नान करने के बाद आप भगवान के मंदिर में या किसी ब्राह्मड को दान स्वरूप कुछ भेंट कर सकते हैं। माना जाता है इस दिन किए हुए दान का कई गुना अधिक फल जीवन में प्राप्त होता है।
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन जो भक्त श्री हरि की कथा सुनते हैं या उनका भजन करते हैं। उन पर भगवान विष्णु की ऐसी कृपा बरसती है कि जीवन भर उनके सभी दुःख-संताप दूर हो जाते हैं।
- इस दिन सत्यनाराण भगवान की कथा का विशेष महत्व है और आप चाहें तो विष्णु सहस्त्रनाम का भी पाठ मार्गशीर्ष की पूर्णिमा के दिन कर सकते हैं। यह आपको अक्षय फल की प्राप्ति कराएगा।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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