Margashirsha Month 2023: मार्गशीर्ष का पहला गुरुवार बदल देगा आपका भाग्य, मां लक्ष्मी बरसाएंगी धन, इस तरह से करें पूजा तभी मिलेगा लाभ
मार्गशीर्ष मास का पावन महीना शुरू हो गया है। इस माह के प्रत्येक गुरुवार पूजा-पाठ के लिए बहुत महत्वपूर्ण माने गए हैं। कल मार्गशीर्ष मास का पहला गुरुवार है और इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। आइए जानते हैं इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना किस तरह से करें जिससे आपके घर उनकी कृपा बरसे।
Margashirsha Month Lakshami Puja 2023: धार्मिक मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष मास का महीना भगवान श्री कृष्ण को प्रिय है। इस महीने कई प्रकार के धार्मिक कार्मकांड किए जाते हैं। इसी के साथ कुछ विशेष देवी-देवताओं की पूजा भी की जाता है। इस माह में पड़ने वाले प्रत्येक गुरुवार अपने आप में बहुत महत्व रखते हैं। ठीक उसी तरह जिस प्रकार सावन का हर सोमवार। कल 30 दिसंबर 2023 को मार्गशीर्ष मास का प्रथम गुरुवार है और इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा और उनके लिए व्रत रखने का विशेष विधान है।
वैसे तो कल भगवान गणेश की गणाधिप संकष्टी चतुर्थी तो पड़ ही रही है। इसी के साथ मां लक्ष्मी की पूजा भी मार्गशीर्ष मास के प्रथम गुरुवार में करने का विधान है। तो आइए जानते हैं किस प्रकार मार्गशीर्ष के पहले गुरुवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और इसका क्या लाभ मिलता है।
मार्गशीर्ष माह के गुरुवार में मां लक्ष्मी की पूजा करने का लाभ
मार्गशीर्ष मास का शुभ फल पाने के लिए प्रत्येक गुरुवार मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। जितना महत्व इस माह भगवान विष्णु की पूजा का है उतना ही महत्व उनकी प्रिय लक्ष्मी जी की पूजा करने का भी होता है। माना जात है जो भी मार्गशीर्ष मास के गुरुवार को मां लक्ष्मी के निमित्त व्रत रखता है। उसके जीवन में मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। उसके घर में धन के भंडार मां लक्ष्मी की कृपा से भर जाते हैं। इस दिन चावल के लेप से रंगोली बनाई जाती है और घर की महिलाएं इस लेप से मां लक्ष्मी का स्वागत करती हैं। यदि मां लक्ष्मी को मार्गशीर्ष माह में आपने अपनी भक्ति से प्रसन्न कर लिया तो माना जाता है। ऐसे लोगों पर कभी गरीबी का साया नहीं मंडराता और मां महालक्ष्मी का अखंड आशीर्वाद सदैव के लिए उस भक्त पर बना रहता है। इसी के साथ इस महीने तुलसी के पेड़ के पास रोज शाम को सूर्यास्त के बाद घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों का ही आशीर्वाद मिलता है।
इस प्रकार प्रत्येक गुरुवार करें मार्गशीर्ष मास में मां लक्ष्मी की पूजा
- सबसे पहले स्नान कर के स्वच्छ वस्त्र धारण करें तभी पूजा की प्रकिया को प्रारंभ करें।
- स्नान आदि से निवृत होने के बाद धन की देवी मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित एक चौकी पर करें। उसके बाद कुमकुम, चावल, रोली, फूल, मेवे, मिठाई आदि उनको अर्पित करें।
- मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान यदि उनकी कृपा पानी है। तो उनके प्रति घर के द्वार पर कई सारे दीप प्रकाशित करें और जहां आप उनकी पूजा कर रहे हैं। वहां उनकी प्रतिमा के सामने भी एक दीप प्रज्ज्वलित करें। माना जाता है ऐसा करने से मां लक्ष्मी उस घर में सदैव के लिए निवास करती हैं और घर की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करती हैं।
- मान्यता है कि इस दिन एक समय के लिए मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर में प्रवेश करती हैं। इसलिए लोग इस दिन चावल के लेप से बनी आकर्षक रंगोलियां घर के द्वार पर बनाते हैं। पहले गुरुवार को चावल के लेप से बनी इस रंगोली में मां लक्ष्मी के चरण चिह्न को अवश्य बनाएं।
- इस दिन मां लक्ष्मी को आप घर के बनाए हुए पकवानों जैसे मालपुआ, खीर और मिष्ठान समेत आदि चीजों का भी भोग लगा सकते है।
- पूजा के दौरान मां लक्ष्मी के निमित्त कलश तैयार करें जिसमें धान की बालियां और आम के पत्तों का मुख रूप से प्रयोग करना चाहिए।
- मार्गशीर्ष के महीने में मां लक्ष्मी की पूजा दिन में दो बार करने का विधान है। एक सुबह 5 बजे से पहले और दूसरी शाम को 5 बजे के बाद।
- मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान घी के दीपक से उनकी आरती करें और फिर उन्हें मेवे-मिष्ठान का भोग लगाएं। आरती के बाद मां लक्ष्मी को हाथ जोड़ कर प्रणाम करें और पूजा का प्रसाद घर के सभी सदस्यों में बांट कर खाएं। ऐसा करने से परिवार के सभी सदस्यों पर मां लक्ष्मी प्रसन्न रहेंगी और परिवार का वैभव मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से बना रहेगा।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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