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Hindi News धर्म त्योहार Mahakumbh 2025: 14 जनवरी को किया जाएगा महाकुंभ का पहला अमृत स्नान, इन बातों का जरूर रखें ध्यान, तभी मिलेगा पुण्य फल

Mahakumbh 2025: 14 जनवरी को किया जाएगा महाकुंभ का पहला अमृत स्नान, इन बातों का जरूर रखें ध्यान, तभी मिलेगा पुण्य फल

Mahakumbh 2025 Amrit Snan Date: महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर किया जाएगा। कुंभ में अमृत स्नान का विशेष महत्व होता है। तो जानिए अन्य अमृत स्नान की तिथि और नियम के बारे में।

महाकुंभ 2025- India TV Hindi Image Source : INDIA TV महाकुंभ 2025

Kumbh mela 2025 Amrit Snan Date: 13 जनवरी से महाकुंभ मेला का शुभारंभ हो चुका है। महाकुंभ के पहले दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने संगम में पावन स्नान किया। अब 14 जनवरी को महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) किया जाएगा। मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर नागा साधु और संत शाही स्नान करेंगे। बता दें कि महाकुंभ में शाही स्नान का खास महत्व होता है। कहते हैं कि शाही स्नान के दिन स्नान करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं जातक को सभी कष्ट और पापों से मुक्ति मिल जाती है। लेकिन शाही स्नान के कुछ नियम है जिनका पालन करना बेहद ही जरूरी है अन्यथा स्नान का पुण्य फल प्राप्त नहीं होता है। तो चलिए जानते हैं कि शाही स्नान के दिन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

महाकुंभ 2025 में कितने अमृत स्नान होंगे? 

पहला अमृत स्नान

महाकुंभ का पहला शाही स्नान 14 जनवरी 2025 को किया जाएगा। इस दिन सूर्य धनु राशि से निकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। जब सूर्य मकर राशि में गोचर करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस दिन पूजा पाठ और तिल, गुड़ और खिचड़ी का दान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। 

दूसरा अमृत स्नान 

महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी 2025 को किया जाएगा। इस दिन मौनी अमावस्या है। हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। इस स्नान-दान और मौन व्रत करने का विधान है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में स्नान करने से कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है। 

तीसरा अमृत स्नान

महाकुंभ का तीसरा और आखिरी अमृत स्नान 3 फरवरी 2025 को किया जाएगा। इस दिन बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान तथा पूजन का विशेष महत्त्व है। बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की पूजा-अर्चना की जाती है। 

अमृत स्नान के दिन  इन बातों का जरूर रखें ध्यान

  • अमृत स्नान के दिन प्रथम स्नान का अधिकार नागा साधुओं का है। इसके बाद अन्य प्रमुख साधु-संत स्नान करते हैं। 
  • अमृत स्नान के दिन साधु-संत और नागा बाबा के स्नान के बाद ही स्नान करें। वरना कुंभ स्नान का फल प्राप्त नहीं होगा।
  • अमृत स्नान के दिन महाकुंभ में स्नान करने जा रहे हैं तो स्वच्छता का ध्यान रखें। गंगा जी में स्नान करते समय साबुन, शैंपू का इस्तेमाल न करें। 
  • महाकुंभ स्नान के बाद संगम किनारे स्थिति लेटे हुए हनुमान जी और अक्षय वट मंदिर के दर्शन अवश्य करें। 
  • महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद गरीब और जरूरतमंदों का अन्न, धन, वस्त्र और तिल आदि चीजों का दान करें।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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