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Hindi News धर्म त्योहार Maha Shivratri 2023: महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बिल्कुल न चढ़ाएं ये 5 चीजें, वरना भोलेनाथ हो सकते हैं नाराज

Maha Shivratri 2023: महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बिल्कुल न चढ़ाएं ये 5 चीजें, वरना भोलेनाथ हो सकते हैं नाराज

Maha Shivratri 2023: शिवजी की पूजा के दौरान कुछ चीजें कभी नहीं चढ़ाई जाती हैं। अगर आप भी इस महाशिवरात्रि पर व्रत या उनकी पूजा करने वाले हैं तो भूलकर भी शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये 5 चीजें।

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Maha Shivratri 2023:  हिंदू धर्म और हमारे शास्त्रों में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। शिव भक्तों को बड़ी शिद्दत के साथ महाशिवरात्रि का इंतजार रहता है। इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023, दिन शनिवार को मनाया जाएगा। ये पर्व फाल्गुल मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है। महाशिवरात्रि के दिन लोग पूरी आस्था और भक्ति के साथ भगवान भोलेनाथ की व्रत रखकर पूजा करते हैं।

इस दिन शिव भक्त भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भांग-धतूरा, दूध, चंदन, बेलपत्र जैसी कई चीजें अर्पित करते हैं।  लेकिन कई बार शिव भक्त जाने-अनजाने में कुछ ऐसी चीजें चढ़ा देते हैं जिससे भगवान शिव क्रोधित हो जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, कुछ ऐसी चीजों के बारें में   बताया गया है, जिन्हें शिव जी की पूजा में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं आखिर ऐसी कौन सी चीजें है जो शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए। 

1. हल्दी

भूलकर भी भगवान शिव को हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए। शास्त्रों की मानें तो शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है और हल्दी स्त्रियों से संबंधित है। इसलिए शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाने की मनाही है। 

2. सिंदूर, कुमकुम या रोली

सिंदूर, कुमकुम और रोली भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाई जाती है।  क्योंकि हिंदू महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए इसे लगाती है और भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है। यही वजह है कि भगवान शिव पर सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए। इसके बजाए आप शिव जी को चंदन का तिलक लगा सकते हैं। ये काफी शुभ माना जाता है।

3. शंख से जल चढ़ाना

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था और शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है। इसलिए भगवान शिव की पूजा में शंख वर्जित माना गया है। 

4. तुलसी दल

शिवजी को तुलसी दल भी अर्पित नहीं करनी चाहिए। शिवपुराण  के अनुसार, जालंधर नाम का असुर भगवान शिव के हाथों मारा गया था। जालंधर को एक वरदान मिला हुआ था कि उसे अपनी पत्नी की पवित्रता की वजह से उसे कोई भी अपराजित नहीं कर सकता है। लेकिन जालंधर को मरने के लिए भगवान विष्णु को जालंधर की पत्नी तुलसी की पवित्रता को भंग करना पड़ा। अपने पति की मौत से नारज तुलसी ने भगवान शिव का बहिष्कार कर दिया था। इसलिए शिव पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है।

5. केतकी, कनेर और कमल का फूल 

शास्त्रों की मानें तो शिवलिंग पर केतकी का फूल चढ़ाने की मनाही है। इसके अलावा कनेर और कमल का फूल भी नहीं चढ़ाना चाहिए। शिवलिंग पर लाल रंग के फूल भी नहीं चढ़ाए जाते हैं।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी  इनकी पुष्टि नहीं करता है। 

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