Magh Purnima 2023: माघी पूर्णिमा कब है? इस दिन स्नान-दान का है खास महत्व, मिलता कई गुणा फल
Magh Purnima 2023: हिंदू धर्म में पूर्णिमा का खास महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान और गरीबों को दान देने से कई गुणा फलों की प्राप्ति होती है।
Magh Purnima 2023 Importance: पंचांग और राशियों के अनुसार कर्क राशि में चंद्रमा और मकर राशि में सूर्य के प्रवेश होने से माघी पूर्णिमा का योग बनता है। नक्षत्रों में से माघ नक्षत्र के नाम पर माघी पूर्णिमा के नाम की उत्पत्ति हुई है। सारे दुःखों को पार लगाने वाली महादायनी फलदायनी माघी पूर्णिमा संक्रांति के बाद यूं तो त्योहारों की भरमार होती है, लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का अपना एक अलग ही महत्व है। इस साल माघ पूर्णिमा का व्रत 5 फरवरी 2023 को रखा जाएगा।
माघी पूर्णिमा को 'बत्तीस पूर्णिमा' के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता के अनुसार इस पूर्णिमा के दिन दान-दक्षिणा करने से बत्तीस गुना फल मिलता हैजो कोई भी इस व्रत को करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है, इसलिए माघी पूर्णिमा को 'बत्तिसी पूर्णिमा' भी कहा जाता है। पुत्र और सौभाग्य को देने वाली इस पूर्णिमा को करने से व्यक्ति सारे दुःखों से छुटकर मोक्ष को प्राप्त होता है।
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हिंदू मान्यताओं के अनुसार हिंदू पंचांग के ग्यारहवें माह यानि माघ माह में दान का भी बड़ा महत्त होता है। इस दिन तिल का दान सबसे अहम माना जाता है | इसके अलावा वस्त्र, भोजन, गुड़, कपास, घी, लड्डू, फल, अन्न आदि का दान भी किया जाता है।
पुराणं ब्रह्म वैवर्तं यो दघान्माघर्मासि च,
पौर्णमास्यां शुभदिने ब्रह्मलोक महीयते|
पुराणं ब्रह्म वैवर्तं यो दद्यान्माघर्मासि च,
पौर्णमास्यां शुभदिने ब्रह्मलोके महीयते।
'मत्स्य पुराण' के अनुसार माघ महीने की पूर्णिमा के शुभ दिन पर जो व्यक्ति ब्राह्मणों और गरीबों को दान करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह स्वर्गलोक को जाता है। इसके आलावा माघी पूर्णिमा के दिन नदियों और संगम में स्नान करने का भी प्रचलन है | शास्त्रों के अनुसार पौष मास की पूर्णिमा से माघ मास की पूर्णिमा तक पवित्र नदियों और खासकर की प्रयाग नदी में स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा युक्त दोषों से छुटकारा मिलता है और स्वर्ग की प्राप्ति होती है, इसलिए इस दिन को पुण्य योग भी कहा जाता है |
|| मासपर्यन्त स्नानासम्भवे तु त्रयहमेकाहं वा स्नायात् ||
अर्थात् जो लोग लंबे समय तक स्वर्गलोक का आनंद लेना चाहते हैं, उन्हें माघ मास में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश होने पर तीर्थ स्नान अवश्य करना चाहिए। कहते हैं कि माघी पूर्णिमा के दिन स्वयं विष्णु भगवान प्रयाग नदी में डुबकी लगाने आते हैं और वहां डुबकी लगाने आए सभी भक्तों का दुःख हर लेते हैं। इस दिन स्नान के समय गायत्री मंत्र का जाप करना फलदायी होता है, इसलिए माघी पूर्णिमा के दिन स्नान के समय गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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