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Hindi News धर्म त्योहार Kharmas 2025: इस दिन से खत्म हो जाएगा खरमास, फिर से शुरू हो जाएंगे शादी-विवाह और अन्य मांगलिक कार्य, यहां जानिए डेट

Kharmas 2025: इस दिन से खत्म हो जाएगा खरमास, फिर से शुरू हो जाएंगे शादी-विवाह और अन्य मांगलिक कार्य, यहां जानिए डेट

Kharmas End Date: हिंदू धर्म में खरमास के दौरान शादी-ब्याह और अन्य मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। लेकिन अब खरमास समाप्त होने वाला है। तो यहां जानिए कि खरमास कब खत्म होगा और इस दौरान शुभ कार्य क्यों नहीं होते हैं।

खरमास- India TV Hindi Image Source : INDIA TV खरमास

Kharmas 2025: 14 जनवरी को सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करें। इसके बाद सूर्य 12 फरवरी की रात 9 बजकर 56 मिनट तक मकर राशि में ही गोचर करते रहेंगे। फिर बाद में कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास या धनुर्मास भी समाप्त हो जाएगा। खरमास के खत्म होते ही फिर से शादी-विवाह और अन्य मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। बता दें कि हिंदू धर्म में खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है।

खरमास में क्यों नहीं होते मांगलिक कार्य और शादी-विवाह?

खरमास में शादी-विवाह, सगाई से लेकर गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन समेत अन्य कोई भी नया कार्य आरंभ नहीं किया जाता है। दरअसल, सूर्य देव को धरती पर जीवन के दाता माने जाते हैं। सूर्य देव के ताप के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है। ऐसे में सूर्य जब मीन या धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो उनका तेज कम हो जाता है। ज्योतिष में सूर्य ग्रहों के राजा माने गए हैं और वे पिता पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए उनके तेज का कम होना मांगलिक करने के लिए उत्तम नहीं माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य के लिए सूर्य का तेज होना बहुत ही अच्छा माना जता है। इसी वजह से खरमास के दौरान विवाह और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। 

खरमास कब से कब तक रहता है?

खरमास का महीना पूरे एक माह तक रहता है। खरमास के प्रारंभ होते हैं शादी-विवाह पर रोक लग जाती है। इस दौरान कई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। बता दें कि खरमास 15 दिसंबर 2024 से शुरू हुआ था। 15 दिसंबर को रात 10 बजकर 19 मिनट पर सूर्य धनु राशि में प्रवेश किए थे। अब 14 जनवरी 2025 को सूर्य मकर राशि में गोचर करेंगे। मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाता है। वहीं जब सूर्य मकर राशि में गोचर करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस दिन स्नान-दान और सूर्य देव की उपासना फलदायी होता है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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