Kharmas 2024: 15 दिसंबर से खरमास शुरू होने वाले हैं, जो कि मकर संक्रांति के दिन समाप्त होगा। हिंदू धर्म में खरमास के दौरान शादी-विवाह समेत कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। कहते हैं कि कोई भी मांगलिक कार्य के लिए सूर्य देव का तेज होना जरूरी होता है। खरमास में सूर्यदेव का तेज कम होता है, जिस कारण पृथ्वी पर भी उनका तप कम पड़ता है। बता दें कि जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं तब खरमास लगता है। यह साल में दो बार आता है जिसका समय एक माह की होती है। खरमास के दौरान सूर्य देव की पूजा और इन कार्यों को करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
खरमास के दौरान करें ये काम
खरमास में सूर्य देव की उपासना करने से सुख-सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा खरमास के दौरान सूर्य देव के इन मंत्रों का जाप करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। इसके अलावा कारोबार और करियर में भी तरक्की मिलती है। तो आइए जानते हैं कि खरमास में सूर्य देव के किन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
1. ऊँ आकृष्णेनेति मंत्रस्य हिरण्यस्तूपऋषि, त्रिष्टुप छनद:
सविता देवता, श्री सूर्य प्रीत्यर्थ जपे विनियोग:।
2. ऊँ आ कृष्णेन राजसा वत्र्तमानों निवेशयन्नमृतं मत्र्य च।
हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।
3. ऊँ आदित्याय विदमहे प्रभाकराय धीमहितन्न: सूर्य प्रचोदयात्।
4. ऊँ सप्ततुरंगाय विद्महे सहस्त्रकिरणाय धीमहि तन्नो रवि: प्रचोदयात्।
5. 'ऊँ एहि सूर्य! सहस्त्रांशो तेजोराशि जगत्पते।
करूणाकर में देव गृहाणाध्र्य नमोस्तु ते।
सूर्य देव के शक्तिशाली मंत्र
- ॐ सूर्याय नमः।
- ॐ आदित्याय नमः।
- ॐ रवेय नमः।
- ॐ मित्राय नमः।
- ॐ उषाकराय नमः।
- ॐ भानवे नमः।
- ॐ दिनमणाय नमः।
- ॐ मार्तंडाय नमः।
- ॐ पूषणे नमः।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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