आज इतने बजे होंगे चंद्रमा के दर्शन, करवा चौथ का व्रत रख रही महिलाओं को कब तक करना होगा इंतजार, जान लें
करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन चंद्र दर्शन किए बिना व्रत नहीं तोड़ सकते हैं। ऐसे में आइए के अनुसार जान लेते हैं कि चंद्रोदय कब होगा।
करवा चौथ का व्रत में चंद्र दर्शन का सबसे अधिक महत्व है। इस दिन महिलाएं पूरा दिन व्रत रखने के बाद रात के समय चंद्र दर्शन के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से पति-पत्नी के रिश्ते में निखार आता है। साथ ही यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए भी रखा जाता है। चूंकि इस दिन चंद्र दर्शन का सबसे अधिक महत्व है, इसलिए हर महिला जानना चाहती है कि, चांद कब निकलेगा। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि, पंचांग के अनुसार चंद्रोदय का समय क्या है।
करवा चौथ व्रत
करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा का दर्शन करने के बाद पति का चेहरा देखने से पति की आयु बढ़ती है। साथ ही वैवाहिक जीवन में भी सुख समृद्धि आती है। यह व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूती देने वाला भी माना जाता है। हिंदू धर्म के कठिन व्रतों में से एक करवा चौथ का व्रत, इसलिए और भी कठिन हो जाता है, क्योंकि इस दिन चंद्र दर्शन से पहले महिलाएं कुछ भी खा या पी नहीं सकती हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार कब दिखेगा करवा चौथ का चांद
करवा चौथ का कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। 20 अक्टूबर को चतुर्थी तिथि सुबह 6 बजकर 46 मिनट से शुरू हो जाएगी। वहीं 21 अक्टूबर की सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर यह तिथि समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार, साल 2024 में करवा चौथ का चांद निकलने का समय 7 बजकर 55 मिनट पर रहेगा। हालांकि देश के अलग-अलग कोनों में चंद्रमा अलग-अलग समय पर दिखाई देगा। वहीं करवा चौथ के दिन करवा माता की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 5:40 से लेकर 7:02 तक रहेगा। इस दौरान करवा माता के साथ ही भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी की पूजा भी आपको करनी चाहिए। इन देवी देवताओं की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
भारत के प्रमुख शहरों में चंद्र दर्शन का समय
- दिल्ली- 08 बजकर 09 मिनट पर
- मुंबई- 08 बजकर 48 मिनट पर
- चेन्नई- 08 बजकर 43 मिनट
- कोलकाता - 08 बजकर 46 मिनट पर
करवा चौथ का चांद देखते समय इन बातों का रखें ख्याल
महिलाएं करवा चौथ की रात में चंद्र दर्शन छलनी के जरिए करती हैं। लेकिन इस बात का विशेष ख्याल रखें कि, छलनी पर एक दीपक भी होना चाहिए। इसके बाद चंद्रमा के दर्शन करते समय आपको “सौम्यरूप महाभाग मंत्रराज द्विजोत्तम। मम पूर्वकृतं पापं ओषधे क्षमस्व मे।” मंत्र का कम से कम 3 बार जप करना चाहिए। यह अर्घ्य मंत्र है, और इसका जप करने से चंद्रमा की कृपा आपको प्राप्त होती है। इसके सात ही पति का चेहरा देखते समय आपको “ऊँ क्लीं सौभाग्यं देहि, पति मे श्रीं ह्रीं स्वाहा” मंत्र का जप करना चाहिए। इस तरह से अगर आप चंद्र दर्शन की प्रक्रिया करती हैं, तो आपको सौभाग्य और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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