What not to do in Kartik Month: सनातन धर्म में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश को सबसे ऊपर बताया गया है। विष्णु की आराधना जीवन में समस्त सुखों को प्रदान करने वाली मानी जाती है। आज यानी 10 अक्टूबर से हिंदू कैलेंडर के विक्रम सम्वत का कार्तिक प्रारंभ हो रहा है। यह विक्रम सम्वत का 8वां महीना होता है। इस महीने के पूजा-अर्चना और व्रत के लिए बहुत अहम माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस महीने में जहां भगवान को प्रसन्न करने के लिए गई नियम हैं तो वहीं कई कामों को वर्जित भी किया गया है।
कार्तिक माह में ना करें ये काम, हो सकता है बड़ा नुकसान
1. धार्मिक नियमों के अनुसार कार्तिक महीने में हमारे खान पान को लेकर कई नियम हैं। जिनका धार्मिक और स्वास्थ्य दोनों तरह से महत्व है। तो कार्तिक मास में बैंगन, करेला और दही के सेवन वर्जित बताया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि मौसम बदलते समय ये चीजें आपको बीमार कर सकती हैं।
2. दलहन में भी कई चीजों की मनाही की गई है। जैसे इस महीने में उड़द, मूंग, मसूर, मटर, चना और राई जैसी चीजों को खाने की मनाही की गई है। इसलिए इनसे बचना चाहिए।
3. कार्तिक माह में करवा चौथ, धनतेरस, दीपावली और देव उठनी एकादशी जैसे त्योहार आते हैं। इसलिए इस महीने मांसाहार भोजन और मदिरा का सेवन वर्जित किया गया है।
कैसे करें मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को प्रसन्न
- कार्तिक मास में रोज सुबह उठकर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर तुलसी की आराधना करने का विशेष फल है।
- इस महीने में तुलसी की आरती और तुलसी के पास दीप प्रज्वलित करना शुभ माना जाता है।
- इस महीने में शाम के समय नदी में दीप दान करना काफी शुभ मना जाता है।
- भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस माह में ब्रह्मचर्य का पालन करने का महत्व है।
- इस माह में सुहागन स्त्रियों के साथ मिलकर तुलसी को सौभाग्य सामग्री अर्पित करके महिलाओं में बांटने से अखंड सौभाग्य मिलता है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।