Kartik Maas 2022: 10 अक्टूबर से कार्तिक का महीना शुरू हो रहा है। कार्तिक महीना 10 अक्टूबर से शुरू होकर 8 नवम्बर तक रहेगा। कार्तिक के साथ ही कार्तिक महीने के यम-नियम आदि भी आज से शुरू हो गए हैं। अन्य महीनों की तुलना में कार्तिक का अपना एक अलग महत्व है। जिस प्रकार सावन में भगवान शिव की पूजा का बड़ा ही महत्व होता है, ठीक उसी प्रकार कार्तिक मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। कार्तिक मास में विष्णु भगवान की पूजा से जीवन में सुख-सौभाग्य की बढ़ोतरी होती है। इस महीने के दौरान विष्णु पूजा करने से दीर्घायु प्राप्त होती है और अचानक आने वाले संकट समाप्त होते हैं।
कार्तिक मास में तुलसी का महत्व
कार्तिक मास में तुलसी पत्र से श्री विष्णु की पूजा करने से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं। पूरे कार्तिक में शाम के समय तुलसी के पौधे में घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए। इससे घर की सुख-समृद्धि बनी रहती है। तुलसी अर्चना से न केवल स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं दूर होती हैं, बल्कि अर्थ, काम और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। इसके अलावा कार्तिक में सुबह उठकर तुलसी दल का सेवन भी बड़ा ही लाभकारी होता है। इससे हमारा इम्यून सिस्टम अच्छा होता है।
लिहाजा हमारा स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। लेकिन ध्यान रहे कि तुलसी की पत्ती को चबाया नहीं जाता, उसे पानी के साथ निगलना चाहिए। क्योंकि तुलसी की पत्ती में पारा होता है और इसे चबाने से दांत खराब हो जाते हैं। इसके आलावा कार्तिक मास में दाल का सेवन वर्जित माना गया है। इस दौरान दाल खाना अवॉयड करना चाहिए, क्योंकि इस महीने में प्रोटीन डाइट लेने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
कार्तिक मास में स्नान का महत्व
चातुर्मास के चार महीनों में से कार्तिक आखिरी महीना है। इसके अलावा कार्तिक का महीना स्नान और दान-पुण्य के लिए विशेष महत्व रखता है। इस महीने में पूजा-पाठ और स्नान-दान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में घर से बाहर किसी पवित्र नदी में स्नान, गायत्री जप एवं दिन में केवल एक बार भोजन करने से व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होते हैं और उसकी तरक्की होती है। कार्तिक मास के दौरान प्रयाग नदी में स्नान और दर्शन विशेष लाभकारी हैं, लेकिन अगर आप वहां स्नान करने में असमर्थ हैं तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर उन नदियों का भाव अपने मन में रखकर स्नान कीजिये। कार्तिक मास में सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)
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