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Hindi News धर्म त्योहार Kalashtami 2024: इस दिन रखा जाएगा ज्येष्ठ माह का पहला कालाष्टमी का व्रत, जानें सही तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व

Kalashtami 2024: इस दिन रखा जाएगा ज्येष्ठ माह का पहला कालाष्टमी का व्रत, जानें सही तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व

Kalashtami 2024: हिंदू धर्म में कालाष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत और पूजा करने से सभी दुख, दर्द से मुक्ति मिलती है। तो आइए जानते हैं कि कालाष्टमी का व्रत कब रखा जाएगा और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।

Kalashtami 2024- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Kalashtami 2024

Masik Kalashtami 2024: प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। कालाष्टमी के दिन भगवान शंकर के भैरव स्वरूप की उपासना की जाती है। कहते हैं कि इस दिन भोलेनाथ के काल भैरव स्वरूप की पूजा करने से जीवन की सारी परेशानियां दूर होंगी और आपकी मनचाही मुरादें पूरी होंगी। ज्येष्ठ माह का पहला मासिक कालाष्टमी का व्रत 30 मई 2024 को मनाया जाएगा। तो आइए जानते हैं कि मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किस मुहूर्त में कालाष्टमी की पूजा करें।

कालाष्टमी 2024 पूजा मुहूर्त

  • ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि आरंभ- 30 मई 2024 को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से
  • ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि समाप्त- 31 मई 2024 की सुबह 9 बजकर 38 मिनट पर
  • कालाष्टमी व्रत तिथि- 30 मई 2024

कालाष्टमी पूजा का महत्व

कालाष्टमी के दिन काल भैरव की उपासना करने से हर के भय और पीड़ा से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही इस दिन महादेव की पूजा करने से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कालाष्टमी के दिन व्रत, पूजा और दान करने से ग्रहों के दुष्प्रभाव से भी छुटकारा मिलता है।

 कालाष्टमी के दिन काल भैरव के इन मंत्रों का करें जाप

  1. ॐ कालभैरवाय नम:
  2. ॐ भयहरणं च भैरव:
  3. ॐ तीखदन्त महाकाय कल्पान्तदोहनम्, भैरवाय नमस्तुभ्यं अनुज्ञां दातुर्माहिसि
  4. ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं
  5. अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्, भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि
  6. ॐ तीखदन्त महाकाय कल्पान्तदोहनम्। भैरवाय नमस्तुभ्यं अनुज्ञां दातुर्माहिसि
  7. ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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