Paush Putrada Ekadashi 2025: पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है। वहीं संतान की दीर्घायु और उसके उत्तम स्वास्थ्य के लिए भी पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस साल पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। यह एकादशी साल की पहली एकादशी है। तो आइए जानते हैं कि पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को किन चीजों का भोग लगाना चाहिए।
1. पंजीरी
भगवान विष्णु की पंजीरी अत्यंत प्रिय है तो पुत्रदा एकादशी के दिन जरूर इसका भोग लगाएं। कहते हैं कि पंजीरी का भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। इसके साथ ही रिश्तों में भी मिठास बनी रहती है।
2. फल
साल 2025 की पहली एकादशी के श्री हरि विष्णु जी को मौसमी फलों का भोग लगाएं। फल में केला को जरूर रखें। फल का भोग लगाने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके साथ ही परिवार के सदस्यों को हर क्षेत्र में अपार सफलता की प्राप्ति होती है।
3. पंचामृत
पंचामृत के बिना भगवान विष्णु की कोई भी पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। ऐसे में पौष पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पंचामृत जरूर अर्पित करें। कहते हैं किपंचामृत का भोग लगाने से घर में धन-धान्य में बरकत होती है।
4. सूखे मेवे
एकादशी के दिन भगवान विष्णु को सूखे मेवे भी अवश्य चढ़ाएं। सूखे मेवे में बादाम, मूंगफली, अखरोट, काजू और पिस्ता आदि चीजें आती हैं। प्रभु नारायण को सूखे मेवे अर्पित करने से घर में धन का आगमन होता है और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत रहती है।
5. मखाने की खीर
पुत्रदा एकादशी के दिन विष्णु जी को मखाने की खीर अर्पित करें। मखाने की खीर भगवान विष्णु को अति प्रिय है। मखाने की खीर का भोग लगाने से परिवार में खुशहाली और संपन्नता बनी रहती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-
January Ekadashi 2025: साल 2025 की पहली एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना पूजा का नहीं मिलेगा शुभ फल
Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या कब है? इस दिन स्नान-दान करने से मिलता है कई गुना अधिक फल, जान लें डेट और मुहूर्त
Mahakumbh: महाकुंभ में गंगा स्नान करने से पहले जान लीजिए ये जरूरी नियम, तभी मिलेगा पुण्य फल