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Hindi News धर्म त्योहार Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर घर में सजाने जा रहे हैं झांकी है तो इन बातों का रखें खास ध्यान, यहां जानें सही नियम

Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर घर में सजाने जा रहे हैं झांकी है तो इन बातों का रखें खास ध्यान, यहां जानें सही नियम

Krishna Janmashtami 2024: भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी के दिन लोग अपने घरों में भव्य और अलग-अलग तरह की सुंदर झांकियां सजाते हैं। अगर आप भी झांकी सजाने जा रहे हैं तो इन नियमों का जरूर पालन करें।

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Krishna Janmashtami 2024: हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है। देश के प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी के पावन अवसर पर खास तैयारियां की जाती हैं। इस दिन कान्हा जी का विशेष साज-श्रृंगार किया जाता है। इतना ही नहीं लड्डू गोपाल को तरह-तरह के भोग भी चढ़ाए जाते हैं। वहीं कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिर और घरों में बाल गोपाल की भव्य झांकियां भी तैयार की जाती हैं। तो अगर आप भी इस जन्माष्टमी पर झांकी सजाने जा रहे हैं तो इन नियमों का जरूर ध्यान रखें।

जन्माष्टमी पर झांकी सजाते समय इन नियमों का करें पालन

  1. घर के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में लड्डू गोपाल की झांकी सजाना शुभ माना जाता है। दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में झांकी नहीं सजाना चाहिए।
  2. झांकी सजाने के लिए वैयजंती के फूल, अशोक के पत्ते, आम के पल्लव, केले के खंभे आदि चीजों का इस्तेमाल करें।
  3. कान्हा की झांकी सजाने  के लिए कांटेदार फूल, पत्ते, पौधे, रबर प्लांट और जिन पौधों से दूध निकलता हो उनका प्रयोग बिल्कुल भी न करें।
  4. भगवान कृष्ण की झांकी सजाने के लिए टूटी-फूटी वस्तुओं का प्रयोग न करें। 
  5. जन्माष्टमी पर घर झांकी सजा रहे हैं तो इसमें मोर पंख, बांसुरी  और गाय और बछड़े की मूर्ति या तस्वीरें भी जरूर रखें।
  6. बांसुरी को भगवान कृष्ण के झूले या मूर्ति के पास रखें। वहीं मोर पंख को को कान्हा के मुकुट या झूले के पास रख दें। 
  7. झांकी तैयार करने के लिए वैजयंती फूलों का प्रयोग जरूर करें। वैजयंती फूल कान्हा जी को अति प्रिय है।

जन्माष्टमी 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त

  • कृष्ण जन्माष्टमी तिथि-  26 अगस्त 2024
  • भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि आरंभ-  26 अगस्त को मध्य रात्रि 3 बजकर 39 मिनट से 
  • कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का समापन- 27 अगस्त को मध्य रात्रि 2 बजकर 19 मिनट पर
  • रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ- 26 अगस्त 2024 को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट से 
  • रोहिणी नक्षत्र समाप्त- 27 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 38 मिनट पर 
  • भगवान कृष्ण की पूजा के लिए निशिता पूजा का समय - मध्य रात्रि 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट (27 अगस्त) तक रहेगा।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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