A
Hindi News धर्म त्योहार Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ यात्रा के बाद क्या होता है रथ की लकड़ी का? किन कार्यों में किया जाता है इसका इस्तेमाल

Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ यात्रा के बाद क्या होता है रथ की लकड़ी का? किन कार्यों में किया जाता है इसका इस्तेमाल

जगन्नाथ रथ यात्रा समाप्ति के बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और सुभद्रा जी के रथों का क्या होता है, इसकी जानकारी आज हम आपको देंगे।

Jagannath Rath Yatra - India TV Hindi Image Source : FILE Jagannath Rath Yatra

Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ रथ यात्रा 2024 में 7 जुलाई से शुरू होकर 16 जुलाई को समाप्त होगी। यात्रा के दौरान जिन रथों में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और सुभद्रा जी सवार होते हैं उनका निर्माण कार्य अक्षय तृतीया के दिन से ही शुरू हो जाता है। अक्षय तृतीया के दिन विधिवत रूप से लकड़ियों की पूजा के बाद निर्माण कार्य करने की परंपरा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रथ यात्रा की समाप्ति के बाद रथ की लकड़ी का इस्तेमाल किन कार्यों में किया जाता है? अगर नहीं तो आज इसी बारे में हम आपको अपने इस लेख में जानकारी देंगे। 

जगन्नाथ यात्रा के रथ नीम और हांसी की लकड़ियों से बनाए जाते हैं। हालांकि पेड़ों का चुनाव भी बहुत सोच-समझकर किया जाता है, इस कार्य के लिए भी एक समिति बनाई जाती है। जब पेड़ों का चयन हो जाता है तो इनकी लकड़ी काटी जाती है और उसके बाद रथ का निर्माण किया जाता है। रथों के निर्माण में भी महीनों का समय लगता है क्योंकि इनके निर्माण कार्य में आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल करना वर्जित माना जाता है। 

यात्रा के बाद रथ का क्या करते हैं? 

रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी से मिलने जाते हैं। मौसी गुंडिचा देवी के घर 7 दिनों तक आराम करने के बाद तीनों अपने घर वापस लौट आते हैं। सूत्रों के अनुसार, रथ यात्रा समाप्ति के बाद रथों के कुछ हिस्सों की नीलामी की जाती है। रथ के हिस्सों को श्रीजगन्नाथ (shreejagannath) वेबसाइट के जरिये नीलाम किया जाता है। साथ ही वेबसाइट पर इन हिस्सों के बारे में काफी कुछ जानकारी भी मिलती है। कोई भी व्यक्ति इन रथ के हिस्सों को खरीदने के लिए वेबसाइट पर आवेदन कर सकता है। हालांकि, रथ के हिस्सों को जो भी खरीदता है उसे कुछ खास शर्तों को मानना पड़ता है। जैसे रथ के हिस्सों का इस्तेमाल गलत कार्यों ये गलत तरीके से कोई नहीं कर सकता। जो भी हिस्सा कोई खरीदता है उसे सुरक्षित रखने की पूरी जिम्मेदारी उसी के पास होती है। रथ के हिस्सों में सबसे महंगा दाम रथ के पहियों का होता है। 

रथ के हिस्सों की नीलामी के बाद भी कई हिस्से बच जाते हैं। रथ के इन हिस्सों का इस्तेमाल जगन्नाथ धाम में ही किया जाता है। ज्यादातर, रथ के बाकी हिस्सों से रसोई घर में देवताओं के लिए प्रसाद बनाया जाता है, यानि ईंधन के रूप में रथ की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। जगन्नाथ मंदिर को लेकर कहा जाता है कि यहां बनने वाला प्रसाद कभी कम नहीं पड़ता। भक्तों की संख्या भले ही कितनी भी हो, प्रसाद की कभी कमी नहीं होती। प्रतिदिन हजारों की संख्या में जगन्नाथ धाम में भक्त आते हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है, लेकिन प्रसाद की कमी कभी नहीं होती। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

ये भी पढ़ें-

Venus Transit In Cancer: शुक्र का कर्क राशि में गोचर 7 जुलाई 2024, इन राशियों के जीवन में अब आएंगी खुशियां, लव लाइफ के लिए भी रहेगा अच्छा समय

भगवान जगन्नाथ की मूर्ति क्यों रह गई अधूरी? पढ़ें इससे जुड़ी रोचक कहानी के बारे में