आज शुक्ल योग के साथ है आर्द्रा नक्षत्र, जानिए क्या है इसका धार्मिक महत्व
आज यानी शनिवार को आर्द्रा नक्षत्र के साथ ही स्वर्ग लोक की भद्रा भी रहेगी। बता दें कि भद्रा जिस भी लोक में स्थित होती है, केवल वहीं मूलरूप से प्रभावी रहती है।
आज पौष कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि और शनिवार का दिन है। द्वितीया तिथि आज दोपहर 1 बजकर 47 मिनट तक रहेगी, उसके बाद तृतीया तिथि लग जाएगी। आज का पूरा दिन पार कर के अगली भोर 4 बजकर 26 मिनट तक शुक्ल योग रहेगा। जब तक आसमान में बढ़ता हुआ चंद्र दिखाई देता है तब तक शुक्ल पक्ष होता है। अत: इस योग को मधुर चांदनी रात की तरह माना गया है अर्थात जैसे चांदनी की किरणें स्पष्ट बरसती हैं, वैसे ही कार्य में सफलता जरूर मिलती है। इस योग में गुरु या प्रभु की कृपा अवश्य बरसती है और मंत्र भी सिद्ध होते हैं।
आज शाम 5 बजकर 42 मिनट तक आर्द्रा नक्षत्र रहेगा। आर्द्रा नक्षत्र आज ज्यादा समय के लिए है, इसलिए आज हम आर्द्रा नक्षत्र की बात करेंगे आकाशमंडल में 27 नक्षत्र स्थित हैं। 27 नक्षत्रों में से आर्द्रा 6 नक्षत्र माना जाता है। आर्द्रा का अर्थ होता है- नमी। आंख में आने वाले आंसुओं को इस नमी के साथ जोड़कर देखा जाता है।आर्द्रा नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह भी आंसू की बूंद को ही माना जाता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, भगवान शिव के रुद्र रूप को आर्द्रा नक्षत्र का अधिपति देवता माना जाता है। इसके अलावा आर्द्रा नक्षत्र के स्वामी राहु हैं और इसकी राशि मिथुन है। साथ ही इसका संबंध शीशम के पेड़ से बताया गया है। अतः जिन लोगों का जन्म आर्द्रा नक्षत्र में हुआ हो उन लोगों को आज के दिन शीशम के पेड़ को नमस्कार करना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आज के दिन आप जाने-अनजाने शीशम के पेड़ को, उसकी लकड़ियों को या उसकी पत्तियों को किसी भी तरह का नुकसान ना पहुंचाएं।
इसके अलावा आज देर रात 3 बजे से अगले दिन शाम 4 बजकर 14 मिनट तक स्वर्ग लोक की भद्रा रहेगी ज्योतिष विज्ञान के अनुसार भद्रा अलग अलग बारह चन्द्र राशियों के अनुसार तीनों लोक- स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल में घूमती रहती है।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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