हनुमान जयंती में 108 नाम जप से शुरू करें पूजा, टल जाएंगे सारे संकट, पूरी होगी मनोकामना
हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा आपको बजरंग बली के 108 नामों के उच्चारण के बाद करनी चाहिए। ऐसा करने से आपको क्या लाभ मिलते हैं,और हनुमान जी के 108 नामों की जानकारी आज हम आपको अपने इस लेख में देंगे।
हनुमान जयंती पर अगर आप भी व्रत रखने वाले हैं या पूजा करने वाले हैं, तो पूजा की शुरुआत आपको हनुमान जी के 108 नामों के उच्चारण से करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी के नामों का जप करने से भय से मुक्ति मिलती है और शुभ फल भक्तों को प्राप्त होते हैं। आज हम आपको हनुमान जी के इन्हीं 108 नाम के बारे में बताएंगे, साथ ही आपको जानकारी देंगे किन इन नामों का जप करने से कैसे परिणाम आपको प्राप्त होते हैं।
हनुमान जी के 108 नाम
- महाबलपराक्रमी
- कपिसेनानायक
- महाकायाय
- कपीश्वराय
- वानराय
- भीमसेन सहायकृते
- रामदूताय
- कुमार ब्रह्मचारिणे
- वज्रकायाय
- शोक निवारणाय
- अंजनागर्भसंभूताय
- विभीषणप्रियाय
- केसरी सुताय
- पिंगलाक्षाय
- लंकापुरीविदाहक
- सुग्रीव सचिवाय
- रामभक्ताय
- हरिमर्कटमर्कटाय
- रामकथालोलाय
- सीतान्वेणकर्त्ता
- वज्रनखाय
- रामभक्त
- वायु पुत्र
- रुद्रवीर्य
- वानरेश्वर
- ब्रह्मचारी
- आंजनेय
- महावीर
- हनुमत
- मारुतात्मज
- सर्वमायाविभंजन
- सीता मुद्राप्रदाता
- अशोकवह्रिकक्षेत्रे
- तत्वज्ञानप्रदाता
- सर्वबन्धविमोत्र
- रक्षाविध्वंसकारी
- परविद्यापरिहारी
- परमशौर्यविनाशय
- परमंत्र निराकर्त्रे
- परयंत्र प्रभेदकाय
- मनोजवय
- सर्वदु:खहराय
- सर्वलोकचारिणे
- सर्वग्रह निवासिने
- पारिजातमूलस्थाय
- सर्वमूत्ररूपवते
- सर्वतंत्ररूपिणे
- सर्वयंत्रात्मकाय
- सर्वरोगहराय
- चंचलद्वाल
- सर्वविद्यासम्पत
- भविष्य चतुरानन
- रत्नकुण्डल पाहक
- प्रभवे
- गंधर्वविद्यात्त्वज्ञ
- कारागृहविमोक्त्री
- सर्वबंधमोचकाय
- सागरोत्तारकाय
- प्रज्ञाय
- प्रतापवते
- बालार्कसदृशनाय
- दशग्रीवकुलान्तक
- लक्ष्मण प्राणदाता
- महाद्युतये
- चिरंजीवने
- दैत्यविघातक
- अक्षहन्त्रे
- कालनाभाय
- कांचनाभाय
- पंचवक्त्राय
- महातपसी
- लंकिनीभंजन
- श्रीमते
- सिंहिकाप्राणहर्ता
- लोकपूज्याय
- धीराय
- शूराय
- दैत्यकुलान्तक
- सुरारर्चित
- महातेजस
- रामचूड़ामणिप्रदाय
- कामरूपिणे
- मैनाकपूजिताय
- मार्तण्डमण्डलाय
- विनितेन्द्रिय
- रामसुग्रीव सन्धात्रे
- महारावण मर्दनाय
- स्फटिकाभाय
- वागधीक्षाय
- नवव्याकृतपंडित
- चतुर्बाहवे
- दीनबन्धवे
- महात्मने
- भक्तवत्सलाय
- अपराजित
- शुचयेशान्ताय
- वाग्मिने
- दृढ़व्रताय
- कालनेमि प्रमथनाय
- दान्ताय
- शुचये
- प्रसनात्मने
- शतकण्ठमदापहते
- लंकारि
- तत्त्वगम्य
- अकाय
- अनघ
- योगिने
नाम जप से मिलते हैं ऐसे परिणाम
हनुमान जयंती के दिन पूजा की शुरुआत आपको नीचे दिए गये हनुमान जी के नामों का जप करने के बाद करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी के नामों का जप करने से व्यक्ति को दीर्घायु प्राप्त होती। आपकी मनोकामनाओं को भी हनुमान जी पूरा करते हैं और साथ ही आध्यात्मिक शक्ति भी हनुमान जी के आशीर्वाद से आपको मिलती है। इन नामों का जप आप दिन में एक से अधिक बार भी कर सकते हैं। जितना अधिक आप हनुमान जी के नामों का उच्चारण करते हैं उतना ही आपका आभामंडल मजबूत होता है, साथ ही आप पर आने वाले संकट भी टल जाते हैं।
हनुमान जयंती के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार हनुमान जी का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। यह तिथि 2024 में 23 अप्रैल को है। इस दिन सुबह 3 बजकर 25 मिनट से पूर्णिमा तिथि का आरंभ हो जाएगा और अगले दिन सुबह 5 बजकर 18 मिनट तक पूर्णिमा तिथि रहेगी। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में हनुमान जी की पूजा आप कर सकते हैं। हालांकि पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजे से 10 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। हनुमान जयंती के दिन आपको सुबह स्नान ध्यान के बाद स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिए। इस दिन काले वस्त्र धारण करने से आपको बचना चाहिए। पूजा के दौरान हनुमान जी को सिंदूर, पान का बीड़ी, लाल कपड़ा आदि आप अर्पित कर सकते हैं। इसके साथ ही हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जरूरतमंद लोगों को आश्वयकता अनुसार दान भी करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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