Govardhan Puja: गोवर्धन पूजा हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होती है। इसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र देव का अभिमान चूर-चूर किया था और ब्रज वासियों की रक्षा की थी। इसलिए गोवर्धन पूजा वाले दिन गोवर्धन महाराज के साथ ही भगवान कृष्ण की पूजा भी की जाती है। इस दिन कृष्ण भगवान को 56 भोग लगाए जाते हैं। इन भोगों को पर्वत के रूप में व्यवस्थित किया जाता है, यानि भोजन का पर्वत (अन्नकूट) बनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूजा आराधना करने से आपके घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती।
गोवर्धन पूजा के दिन शुभ योग
गोवर्धन पूजा के दिन शुभ योग भी बनने जा रहे हैं। इस दिन सुबह 11 बजकर 17 मिनट तक आयुष्मान योग रहेगा और उसके बाद सौभाग्य योग पूरे दिन भर रहेगा। यानि सुबह की पूजा के दौरान भी शुभ योग रहेगा और शाम की पूजा के दौरान भी। इन शुभ योगों में गोवर्धन पूजा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी। आइए अब जान लेते हैं कि इस दिन पूजा के लिए शुभ समय कब-कब है।
गोवर्धन पूजा का शुभ समय
गोवर्धन पूजा के लिए सुबह और शाम में शुभ मुहूर्त हैं। सुबह के समय 6 बजकर 34 मिनट से 8 बजकर 46 मिनट तक आप पूजा कर सकते हैं। वहीं शाम की पूजा के लिए 5 बजकर 35 मिनट से 6 बजकर 1 मिनट तक का समय शुभ रहेगा। वहीं जो लोग दोपहर में गोवर्धन पूजा करने वाले हैं उनको दोपहर 3 बजकर 23 मिनट से 5 बजकर 35 मिनट तक गोवर्धन पूजा करनी चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि, भगवान श्रीकृष्ण ने ही गोवर्धन पूजा की शुरुआत करवायी थी। इसी दिन श्रीकृष्ण ने गोवर्धन को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था और इंद्र देव की घमंड को चूर-चूर किया था। साथ ही गोवर्धन पूजा के पीछे यह महत्व भी है कि, ये मानव और प्रकृति के बीच के संबंध को दर्शाता है। इस दिन हम गोवर्धन पूजा के जरिए प्रकृति का धन्यवाद करते हैं। प्रकृति के संसाधनों के बिना मानव जीवन संभव नहीं है, गोवर्धन पूजा के जरिए हम इस तथ्य को समझते हैं। प्रकृति के प्रति प्रेम प्रदर्शित करने के लिए इस त्योहार को बेहद खास माना जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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