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Hindi News धर्म त्योहार Sankashti Chaturthi 2025: इस दिन रखा जाएगा फाल्गुन माह का पहला संकष्टी चतुर्थी व्रत, जानें डेट, मुहूर्त और चंद्रोदय का समय

Sankashti Chaturthi 2025: इस दिन रखा जाएगा फाल्गुन माह का पहला संकष्टी चतुर्थी व्रत, जानें डेट, मुहूर्त और चंद्रोदय का समय

Falgun Sankashti Chaturthi: प्रत्येक महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की तिथि को चतुर्थी का व्रत किया जाता है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। तो यहां जानिए कि फाल्गुन माह में संकष्टी चतुर्थी का व्रत कब रखा जाएगा।

संकष्टी चतुर्थी व्रत 2025- India TV Hindi Image Source : FILE IMAGE संकष्टी चतुर्थी व्रत 2025

Sankashti Chaturthi Vrat 2025: हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व है। संकष्टी चतुर्थी का अर्थ होता है संकट से मुक्ति मिलना। बता दें कि प्रत्येक महीने के कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों की चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा का विधान है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। चतुर्थी तिथि के दिन व्रत रख रात को चंद्रोदय के समय व्रत का पारण किया जाता है। 

फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। संइस दिन गणपति भगवान के द्विजप्रिय गणेश स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से  पार्वती नंदन गणेश जी की खास कृपा प्राप्त होती है। तो आइए जानते हैं कि फाल्गुन माह का पहला संकष्टी चतुर्थी का व्रत कब रखा जाएगा और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत मुहूर्त 2025

फाल्गुन माह का पहला संकष्टी चतुर्थी यानी द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत 16 फरवरी को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि प्रारंभ 15 फरवरी को रात 11 बजकर 52 मिनट पर होगा। चतुर्थी तिथि समाप्त 17 फरवरी को रात 2 बजकर 15 मिनट पर होगा। संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय का समय 9 बजकर 51 मिनट रहेगा।

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत महत्व 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,  द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से जीवन में आने वाली समस्त प्रकार की विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से जातक के सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है और उसके वन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान निकलता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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