Diwali 2023: दिवाली के दिन मां लक्ष्मी-गणेश जी के साथ करें इन देवी-देवताओं की पूजा, अपार धन-दौलत की होगी प्राप्ति
Diwali 2023: दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश के साथ इन देवी-देवताओं की पूजा का भी विधान है। तो दिवाली पूजन में इन देवी-देवताओं की तस्वीर या मूर्ति जरूर स्थापित करें।
Diwali 2023: देशभर में दीपावली उत्सव की रौनक देखी जा रही है। 12 नवंबर को धूमधाम के साथ दिवाली का पर्व मनाया जाएगा। हर कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली का त्यौहार मनाने की परंपरा है। दिवाली के दिन मां लक्ष्मी उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति होती। इसके अलावा धन और समृद्धि से संबंधित कुछ अन्य देवी-देवता हैं जिनकी दीपावली के दिन पूजा किए जाने का विधान है। वैसे तो दिवाली के शुभ दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है लेकिन इनके पूजन के साथ ही अन्य देवी और देवताओं की पूजा किए जाने से भी घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है तो आइए यह भी जान लेते हैं।
दिवाली के दिन कुबेर जी का पूजा का महत्व
कुबेर जी को भगवान शंकर ने धनपाल होने का वरदान दिया था। इन्हें यक्ष भी कहा गया है । देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर को पूजने से भी पैसों से जुड़ी तमाम समस्याएं दूर रहती हैं। वैसे तो दीवाली उत्सव के पहले दिन भी कुबेर की पूजा की जाती है लेकिन दीवाली के दिन भी इनकी पूजा की जाती है। लिहाजा दीवाली पूजा के दौरान लक्ष्मी, गणेश के साथ ही कुबेर का भी एक चित्र रखें। आज यानि दीवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश के साथ कुबेर की पूजा करने से आपको धन लाभ होगा।
दिवाली के दिन सरस्वती जी की भी पूजा जरूर करें
मां सरस्वती विद्या, बुद्धि, ज्ञान और वाणी की अधिष्ठात्री देवी हैं तथा शास्त्र ज्ञान को देने वाली हैं। ज्ञान के बल पर ही धन और बल की वृद्धि होती रहती है। बिना ज्ञान धन और समृद्धि का होना व्यर्थ ही माना जाता है, इसीलिए दीवाली के दिन धन की देवी लक्ष्मी के साथ सरस्वती जी की भी पूजा का महत्व है। सरस्वती को बागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादिनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है। दीवाली पूजा में लक्ष्मी-गणेश के साथ सरस्वती की पूजा करने से धन और बल की वृद्धि होगी।
दीपावली के दिन मां काली की पूजा का विशेष महत्व
दिवाली के दिन काली जी की पूजा का भी विधान है। माना जाता है कि राक्षसों के अत्याचार को समाप्त करने के बाद भी जब माता महाकाली का क्रोध कम नहीं हुआ, तब भगवान शिव स्वयं उनके चरणों में लेट
गए। भगवान शिव के शरीर स्पर्श मात्र से ही देवी महाकाली का क्रोध समाप्त हो गया। इसी की याद में उनके शांत रूप लक्ष्मी की पूजा की शुरुआत हुई जबकि इसी रात इनके रौद्र रूप काली की पूजा का विधान भी कुछ राज्यों में है। अत: दीपावली पूजा में लक्ष्मी-गणेश के साथ कालिका माता की पूजा करने भी आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी साथ ही अनजाने भय से छुटकारा भी मिलेगा।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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