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Hindi News धर्म त्योहार Hanuman Jayanti 2023: दिवाली वाली हनुमान जयंती की मान्यता इतनी अधिक क्यों है? इस नियम से ही करें पूजा

Hanuman Jayanti 2023: दिवाली वाली हनुमान जयंती की मान्यता इतनी अधिक क्यों है? इस नियम से ही करें पूजा

दीपावली के एक दिन पहले हनुमान जी की जयंती है। वैसे तो हनुमान जयंती साल में दो बार पड़ती है, लेकिन दीपावली से ठीक एक दिन पहले पड़ने वाली हनुमान जयंती का विशेष महत्व है। आइये जानते हैं इस बार दीपावली पर कब हनुमान जयंती मनाई जाएगी।

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Hanuman Jayanti 2023: दीपावली जहां भगवान राम के चौदह वर्ष वनवास से अयोध्या नगरी लौटने की खुशी में प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। वहीं उनके परम सेवक हनुमान जी का भी जन्मोत्सव ठीक एक दिन पहले यानी छोटी दीपावली के दिन मनाया जाता है। इस दिन नरक चतुर्दशी, काली मां की पूजा के साथ ही साथ हनुमान जी का जन्मदिवस भी मनाया जाता है।

अगर बात करें हनुमान जयंती की तो यह साल में दो बार पड़ती है। एक चौत्र मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन और दूसरी कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन। वैसे इसका उल्लेख कई धर्म ग्रंथो में भी देखने को मिलता है। आइये जानत हैं हनुमान जी की जयंती इस बर कब पड़ रही है।

वायु पुराण के अनुसार

वायु पुराण में हनुमान जी के जन्म के बारे में कुछ इस प्रकार बताया गया है।

आश्विनस्या सितेपक्षे स्वात्यां भौमे च मारुतिः। 
मेष लग्ने जनागर्भात स्वयं जातो हरः शिवः।।

अर्थ - हनुमान जी का जन्म कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मंगलवार के दिन स्वाति नक्षत्र के मेष लग्न में हुआ था। 

कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को जन्में हनुमान जी

इस श्लोक के अनुसार भी हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन हुआ था। कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि के दिन छोटी दीपावली मनाई जाएगी।

ऊर्जे कृष्णचतुर्दश्यां भौमे स्वात्यां कपीश्वरः।
मेष लग्ने अन्जनागर्भात प्रादुर्भूतः स्वयं शिवा ।।

कब है हनुमान जयंती 

कार्तिक मास में पड़ने वाली हनुमान जयंती छोटी दीपावली के दिन है। इस बार हनुमान जयंती 11 नवंबर 2023 दिन शनिवार को है। इस दिन हनुमान जी की विशेष रूप से पूजा अर्चना होती है।
कलयुग में हनुमान जी सबसे जागृत देव हैं। मान्यता है कि आज भी हनुमान जी कलयुग में भक्तों की रक्षा करते हैं। कुछ ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि हनुमान जी कलयुग में आज भी गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं।

हनुमान जी की पूजा के नियम

  • यदि आप हनुमान जी की पूजा करते हैं। तो उनको लाल सिंदूर अर्पित करें।
  • हनुमान जी की पूजा हमेशा लाल रंग के आसन पर बैठ कर करें।
  • हनुमान जी की प्रतिमा हमेशा राम दरबार के नीचे रखें। क्योंकि हनुमान जी श्री राम के परम सेवक हैं। इसलिए कहते हैं,  राम दुआरे तुम रखवारे अर्थात हनुमान जी सदैव राम जी के द्वार पर बैठते हैं।
  • हनुमान जी की पूजा करने से पहले श्री राम के नाम का जाप जितना हो सके कर लें। ऐसा करने से हनुमान जी आपकी हर मनोकामना शीघ्र पूर्ण कर देंगे।
  • हनुमान जी को मोती चूर के लड्डू प्रसाद के तौर पर चढ़ाएं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।) 

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