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Hindi News धर्म त्योहार Dhumavati Jayanti 2024: कल मनाई जाएगी धूमावती जयंती, जानें क्यों सुहागिन महिलाएं नहीं करती इस देवी की पूजा

Dhumavati Jayanti 2024: कल मनाई जाएगी धूमावती जयंती, जानें क्यों सुहागिन महिलाएं नहीं करती इस देवी की पूजा

धूमावती जयंती साल 2024 में 14 तारीख को मनाई जाएगी। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि इनकी पूजा कैसे की जानी चाहिए और क्यों सुहागिन महिलाएं इनकी पूजा नहीं करती।

Dhumavati jayanti - India TV Hindi Image Source : FILE Dhumavati jayanti

Dhumavati Jayanti 2024: देवी धूमावती को माता पार्वती का स्वरूप माना जाता है। ज्यादातर वो तंत्र साधना करने वाले लोगों के द्वारा माता धूमावती की पूजा की जाती है। दस महाविद्याओं में से एक धूमावती देवी को माना जाता है। हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को धूमावती जयंती मनाई जाती है। साल 2024 में धूमावती जयंती 14 जून को मनाई जाएगी। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि देवी धूमावती कौन हैं और क्यों सुहागिन महिलाएं इनकी पूजा नहीं करती। 

कौन हैं देवी धूमावती?

देवी धूमावती से जुड़ी दो पौराणिक कथाएं हैं। एक कथा के अनुसार जब देवी सती ने यज्ञ में खुद को जलाकर भस्म कर दिया तो,  उस यज्ञ कुंड से जो धुआं उठा उससे धूमावती देवी का जन्म हुआ। यानि देवी सती के भौतिक शरीर के जलने पर धुएं के रूप में धूमावती देवी का प्राकाट्य हुआ। एक दूसरी कथा के अनुसार, एक बार शिव और सती भ्रमण कर रहे थे। इस दौरान सती को बहुत अधिक भूख लगी तो उन्होंने भगवान शिव को ही निगल लिया। शिव जी के कहने पर पार्वती ने उन्हें उदर से बाहर निकाला। माना जाता है कि, इसके बाद भगवान शिव ने श्राप दिया कि, तुमने अपने पति को ही निगल लिया इसलिए आज से तुम विधवा रूप में ही रहोगी। देवी सती वैधव्य स्वरूप को ही देवी धूमावती के रूप में जाना जाता है। 

क्यों सुहागिन महिलाएं नहीं करती धूमावती देवी की पूजा?

माता धूमावती यूं तो माता पार्वती का ही स्वरूप हैं, लेकिन वैधव्य यानि विधवा का स्वरूप होने के कारण इनकी पूजा सुहागिन महिलाओं के द्वारा नहीं की जाती। इनके स्वरूप भी बहुत उग्र है। शास्त्रों के अनुसार माता धूमावती की ध्वनि इतनी तीव्र है कि, जिससे सुनकर मनुष्य भयभीत हो उठते हैं। हमेशा भखी रहने वाली माता धूमावती दुष्ट और दैत्यों का संघार करके उनका ही भक्षण कर जाती हैं, यह कारण भी है कि देवी पार्वती के इस स्वरूप की पूजा सुहागिन महिलाओं के द्वारा नहीं की जाती। हालांकि जो लोग पूरी श्रद्धा से माता धूमावती की आराधना करते हैं, उनके सभी कष्टों को माता दूर करती हैं, तंत्र साधना करने वाले लोग देवी धूमावती में अटूट आस्था रखते हैं। 

देवी धूमावती की पूजन विधि

माता धूमावती की पूजा हमेशा पश्चिम दिशा में मुख करके करनी चाहिए। पूजा के दौरान काले रंग के वस्त्र आपको धारण करने चाहिए। पूजा से पहले पूजा स्थल पर माता धूमावती की तस्वीर आपको रखनी चाहिए। इसके बाद दीपक और धूप जलाकर माता की आराधना शुरू करनी चाहिए। पूजा के दौरान देवी धूमावती के मंत्र 'ॐ धूम धूम धूमावती देव्यै स्वाहा'का जप करना चाहिए। इसके साथ ही आप धूमावती कवच का पाठ भी कर सकते हैं। माना जाता है कि देवी की आराधना करने से आपके जीवन से दुख और दरिद्रता का अंत हो जाता है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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